शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

"कांग्रेस पार्टी" = "अंग्रेज" "अंग्रेजी" और "अंग्रेजियत"


कांग्रेस पार्टी १८८५ से लेकर आज २०११ तक किसान, जवान और मजदुर से कभी नाता नही रक्खा, "एलन हूम" से निकल कर १९१५ के "गाँधी" से होते हुए २०११ के "गाँधी" तक कोई भी किसान जवान और मजदुर नहीं रहा, चाँदी की थाली में सोने के चम्मच से खाने वाले लोग गरीबो की थाली से रोटी तक चुरा कर बेच कर बिदेसो में जमा करने वाले, गरीबो को ही मिटा कर गरीबी दूर करने के सूत्र लागु करने वाले लोग १२६ साल के अपने इतिहास में एक भी अपने राष्ट्र हित में किये गए कार्य को बताये जिन पर उनको गर्व हो ? वर्ना देश से पूंछे देश कांग्रेस की १०० एसे अत्याचारों को बता देगा जिसका परिणाम है लाचार इंडिया (जंगल), मजबूर इंडियन (जंगली), और बिकासशील भारत ॐ जयहिंद बंदेमातरम

"अंग्रेजी, अंग्रेज और राहुल गाँधी"

 जिनका खानदानी इतिहास अंग्रेजो से रोटी बेटी के रिश्ते का रहा हो वो भारत के बारे में कैसे सोच पाएंगे चाहे वो मोतीलाल नेहरु रहे हो या फिर राहुल गाँधी, किसी दलित के घर रोटी खाकर उस परिवार की आँखों में आंखे डालकर सिर्फ इतना कहे की "मेरा या मेरे खानदान में से किसी का कालाधन बिदेसी बैंको में जमा नहीं है"

जो जितना शीतल होता है उतना ही ज्वलनशील "पेट्रोल" से लेकर "परमाणु" तक छू कर देख सकते है"

 मित्रो "मै" इस समय बाबा रामदेव जी के ब्लॉग पर लिखने वालो और पढने वालो से मुखातिब हूँ मै जो भी बाबा के ब्लॉग पर लिखता हूँ वो सिर्फ और सिर्फ सच होता है और तर्क के साथ होता है लेकिन कडवा होता है इसमें मेरी कोई गलती नहीं है "सच तो कडवा होता ही है" और जो यहाँ लिखता हु वही अपने ब्लॉग पर कापी करता हु लेकिन दुर्भाग्य बस मेरा ब्लॉग गूगल वालो ने बंद कर दिया है ((((नमस्‍कार, http://rdmunmohan.blogspot.com/ पर स्थित आपके ब्‍लॉग की समीक्षा और पुष्टिकरण में SPAM के लिए हमारी सेवा शर्तों का उल्‍लंघन हुआ है. शर्तों के अनुपालन में, हमने ब्‍लॉग को निकाल दिया है और उसके URL पर अब अभिगमन नहीं किया जा सकता))) कोई बात नहीं लेखक नदी की एक धार की तरह होता है जब भी बांध लगाने की कोसिस होती है धार एक नई नदी खोद डालता है मैने भी संकल्प लिया है एक साल के अंदर अक्तूबर २०१२ यानि अगली दीपावली से पहले बाबा की सेवा में सिर्फ सच को आवाज देने व् लोगो तक पहुचने के लिए नया "न्यूज चैनल" समर्पित करूँगा और आप सबो का सहयोग रहेगा इसका मुझे पूरा बिस्वास है, धन्यवाद ॐ जयहिंद बंदेमातरम

"देशभक्त" या "देशद्रोही"?

"देशभक्त" या "देशद्रोही"?,,,,काले धन को वापस लाने रास्ट्रीय संपत्ति घोषित करने और कालाधन रखने वालो को फाँसी की सजा दिलाने, सम्पूर्ण ब्यस्था परिवर्तन करने, संबिधान में ब्यापक संसोधन कर "भारतीय संबिधान" की संरचना करने जैसे मूल और साफ मुद्दों से हट कर जो भी बात करेगा वो भ्रष्टाचारी, दलाल, देशद्रोही, गद्दार, और लुटेरा होगा या प्रत्यक्छ या परोक्छ उनका सहयोगी होगा, ये बात तथाकथित लोकतंत्र के चौपायो (बिधाइका, कार्यपालिका, न्यायपालिका, और सूचनातंत्र {मिडिया}) पर भी लागू होगा, आम लोगो से लेकर विशिस्ट लोगो तक को भी अपनी भूमिका तय तथा साफ करनी होगी...ॐ जय हिंद बन्दे मातरम