बुधवार, 2 नवंबर 2011

श्रीमान अन्नाहजारे जी सादर प्रणाम

श्रीमान अन्नाहजारे जी सादर प्रणाम, आप हमेसा पत्र लिखते ही रहते है खास करके प्रधानमंत्री जी को लिखने को तो प्रधानमंत्री जी को मै भी पत्र लिख सकता हूँ भले ही आम आदमी हूँ, लेकिन जानता हु मनमोहन सिंग जी जब अपने दिल की ही आवाज नहीं सुन पाते तो आपकी या हमारी आवाज क्या सुनेगे, फिर मैने आपको ही लिखना उचित समझा क्युकी आखिर में आप तो महात्मा बन ही गए जो आपकी सबसे बड़ी ख्वाहिस थी और आज नहीं तो कल "राष्ट्र भ्राता" और भारत रत्न बन जायेगे देस के  राष्ट्रपती भी बन जायेगे, आपने अच्छी गठजोड़ बना रक्खी है पूंजीपतियो और कांग्रेसियो से, दिग्बिजय सिंह जैसे जोकरों से तो यु ही ठिठोली करते रहते है देश की आम जानता को उल्लू बनाने के लिए, पूंजीपतियो के पालतू ,,,,, डुग डुगी मिडिया जो अभी "अन्ना बाथरूम के अंदर" "अन्ना का बैल हरियाणा में" "अन्ना की गाय पंजाब में" "अन्ना का गधा कश्मीर में" दिखा कर देश को पका रही है क्यों? ये आप भी जानते है और पूंजीपती भी, कुछ कुछ हम भी, माफ कीजियेगा मै आपको ही आपके बारे में बताने लगा, मै तो आपको पत्र लिख रहा हूँ, जैसा की आपने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में लिखा है की मजबूत जन लोकपाल बिल पास होने से ६०% भ्रष्टाचार मिट जायेगा, बस इतनी सी बात पे पूंजीपतियो के भांट(मिडिया) आपको "महात्मा" "दुसरे गाँधी" और न जाने क्या क्या साबित करने पर तुले हुए है ख़ैर मेरा सवाल आपसे है क्या? मजबूत जन लोकपाल बिल पास होने पर कांग्रेस के लिए वोट मागेगे??? जबकि एसा करने के लिए आप अपना मुह मिडिया के सामने फाड़ चुके है की यदि शीतकालीन सत्र में कांग्रेस मजबूत जन लोकपाल बिल पास करवा देती है तो कांग्रेस के लिए वोट मागेगे, येसा आप कैसे कर सकते है ??? क्या? कांग्रेस के लिए वोट मांगना देस के साथ धोका नहीं होगा ??? महात्मा अन्ना हजारे यदि मजबूत जन लोकपाल बिल पास हो गया तो आप किसके साथ धोका करेगे "देस" या "कांग्रेस" ??? एक न एक के साथ तो आपको धोका करना ही पड़ेगा, महात्मा अन्ना हजारे जहाँ देश में यह माहौल है कि यदि कांग्रेस काले धन, ब्यवस्था परिवर्तन और लोकपाल बिल तीनो मुद्दों का हल एक साथ निकाल ले तो भी २०१४ में कांग्रेस कि पुरे देस में जमानत नहीं बचनी चाहिए, वही आप कांग्रेस के लिए वोट मागने कि बात करके देस कि आँखों में धुल झोक रहे है, रही बात लोकपाल बिल की तो यदि १००, ५००, १०००, की नोट बंद कर दिया जाय और वापस ले लिया जाय तो ७०% भ्रष्टाचार ख़त्म हो जायेगा, ४०% घरेलु काला धन बाहर आ जायेगा और ३०% अपराध(नकली नोटों से लेकर क़त्ल तक) ख़त्म हो जायेगा फिर लोकपाल बिल ही क्यों ??? महात्मा अन्नाहजारे कही लोकपाल बिल से पूंजीपतियो को बचाने की कोसिस तो नहीं कर रहे है आप ??? क्युकी लोकपाल बिल से पूंजीपतियो का एक पैसे का नुकसान नहीं होगा उल्टा फायदा होगा सरकारी दफ्तरों में काम के एवज में घुस देने से बच जायेगे तो क्या? ये सच नहीं है की लोकपाल बिल का खेल आप पूंजीपतियो के इशारे पर तो नहीं कर रहे है और इसी लिए पूंजीपतियो के भांट(मिडिया) आपको सर पे बिठा रक्खा है ??? क्या? आपने बाबारामदेव से दूरी पूंजीपतियो के कहने पर ही बना रक्खी है, कालेधन और ब्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे से सीधा नुकसान पूंजीपतियो या नेतागिरी से बने पूंजीपतियो का होगा जिसके कारण पूंजीपती और चोर नेता बाबा रामदेव को मिटा देना चाहते है और आप भी पर्दे के पीछे से उनका साथ दे रहे है ??? क्या? आपके आन्दोलन को देसी और बिदेसी दोनों पूंजीपतियो द्वारा पैसा मिल रहा है ??? आर यस यस को आप क्या समझते है देशद्रोही या देशभक्त ??? यदि देशभक्त मानते है तो साथ खड़े होने में आना कानी कैसी और यदि देशद्रोही मानते है तो राष्ट्र भक्त कौन है "कांग्रेस" ???     भारत की जनता भेडचाल में बिस्वास रखती है जिसके चलते ४०० साल तक मुट्ठी भर मुग़ल और गिनती के गोरे गुलाम बनाकर रखने में सफल हो गए, कालांतर में "गाँधी" कांग्रेस, पूंजीपति और अंग्रेज मिलकर देस का क़त्ल कर दिया और ६४ साल की बर्तमान गुलामी सौगात में दे दी अब वही काम आप कर रहे है "देसी बिदेसी पूंजीपतियो" काले धनपतियो" और कांग्रेसियो से मिलकर सैकड़ो साल की गुलामी फिर देस को देना चाहते है क्यों ??? सदीओ में एक बार ही कोई रामदेव जैसा युगपुरुष अवतरित होता है जो देस को पूर्ण आजादी दिलाने के लिए तन मन धन से काले धन, भ्रष्टाचार और ब्यवस्था परिवर्तन को मुद्दा बनाकर लड़ाई छेड़ रक्खी है लेकिन बीच में आप अपने आकाओ के इशारे पर कालीबिल्ली की तरह रास्ता काट कर लोकपाल जैसा मुद्दा लेकर देस को गुमराह करने में लगे है, यदि आप में जरा सी भी राष्ट्रभक्ति है तो काले धन, भ्रष्टाचार और ब्यवस्था परिवर्तन जैसे तीनो मुद्दों पर साथ आगे बढिए या रास्ते से हट जाइये, राले गावं में "रहट" चलाइए लोगो को पानी पिलाइए, अन्नाहजारे जी ब्यक्तित्ववादी इन्सान अपनी महत्वाकान्छाओ से इतना ग्रसित होता है की न जाने कब आम इंसानों के अरमानो को कुचल कर आगे निकल जाता है उसे भी पता नहीं चलता एसा आपके गुरु "गाँधी" ने भी किया था और अब आप भी उसी रास्ते पर है, मेरी बाते आपको कडवी लगती होगी लेकिन सच जो है कडवी तो होगी ही, अन्नाहजारे जी अपने दिल पर हाँथ रख कर अपने जमीर को जगाइए और मेरे इस पत्र का जबाब दीजिये फिर प्रधानमंत्री के जबाब का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, ॐ बन्दे मातरम, जयहिंद