बुधवार, 23 नवंबर 2011

"अहिंसा वादी महात्मा गाँधी ने लंगोटी से नोटों तक का सफर लाखो बेगुनाह लासो से गुजर कर किया था, अब अहिंसा वादी महात्मा अन्ना हजारे भी कुछ येसा ही गुल खिलायेगे राष्ट्रपति भवन तक पहुचने के लिए

कमलेश उपाध्याय आपके जोश की और उबलते हुए कुछ कर गुजरने की ललक को समझते हुए हम आपकी कद्र करते है लेकिन अन्नाहजारे जैसे धोखेबाज और गद्दार की तुलना युग पुरुष बाबा रामदेव से कभी नहीं की जा सकती, अन्ना हजारे भ्रष्टाचारियो, पूंजीपतियो, कालेधनकुबेरो और कांग्रेसियो के प्रायोजित आदमी है उनको सुरक्छा दी गई है और बाबा रामदेव को जान मारने की कोशिश की गई थी, अन्ना हजारे को बारह बजे दिन गिरफ्तारी का नाटक किया गया था क्युकी अधिक से अधिक प्रचार हो, बाबा रामदेव पर बारह बजे रात में हमला हुआ था क्युकी जान से मार देना चाहते थे, अन्ना हजारे को रामलीला मैदान जिन्होंने सजा के दिया था उन्हीने रामलीला मैदान आधीरात को हमला करके सोते हुए निर्दोशो पर जुल्म ढाकर खाली करवा लिया था, अन्नाहजारे बाबारामदेव की ऊँगली पकड़ के दिल्ली आये थे लेकिन बाबा की पीठ में छुरा मारकर कांग्रेस की साजिस में सामिल हो गए, बाबारामदेव पांच साल से गली गली गाव गाव जाकर अलख जगा रहे है, और आज भी लगे हुए है, वो मिडिया को नहीं दिखाई देता लेकिन "अन्ना बाथरूम के अंदर" "अन्ना का बैल हरियाणा में" "अन्ना की गाय पंजाब में" "अन्ना का गधा कश्मीर में" दिखाई देता है, अन्नाहजारे ने किया क्या है देश के लिए धोके के सिवा और आज भी वही कर रहे, रालेगावं को "रहट" चला कर पानी पिलाया है जो की आज गली नुक्कड़ के हर छुटभैये नेता से लेकर कांग्रेसियो के धुरन्धरो तक यही तो कर रहे है, रही बात पलायन की तो याद रहे चाणक्य कभी सहीद नहीं होते क्युकी  उन्हें चन्द्रगुप्त का निर्माण करना होता है, "धैर्य रखिये जल्द ही चन्द्रगुप्त भी बहार आएगा" दुबारा फिर कभी बाबारामदेव की तुलना अन्नाहजारे जैसो से मत करना और अंतिम बात "अहिंसा वादी महात्मा गाँधी ने लंगोटी से नोटों तक का सफर लाखो बेगुनाह लासो से गुजर कर किया था, अब अहिंसा वादी महात्मा अन्ना हजारे भी कुछ येसा ही गुल खिलायेगे राष्ट्रपति भवन तक पहुचने के लिए...ॐ बन्दे मातरम जयहिंद