शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

"नेहरु" "खानदान" (माफ कीजिये) फेमली के कुछ दलाल

 "नेहरु" "खानदान" (माफ कीजिये) फेमली के कुछ दलाल कभी एक अंग्रेजन को तो कभी उसके "पुत्र" (माफ कीजिये) सन को प्रधानमंत्री बनाने की होड़ में इतने उतावले हो चुके है की चमचागिरी की सारी हदे पारकर किसी को भी कुछ भी कहने से गुरेज नहीं कर रहे है, जबकि सच तो ये है की ये चमचे खुद राजनीती के स्वर्ण वर्ष पार कर चुके है और इतने बड़े महारथी है की कम से कम कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हो सकते है पर अफसोस की चमचागिरी ने इन्हें इतना अंदर से खोखला कर दिया है की "बाबाडाल" के चरणों से उपर नजरे ही नहीं हटाते खुद का नहीं तो कमसे कम देस के सम्मान का तो लिहाज करे ... ॐ जयहिंद बंदेमातरम