बुधवार, 24 अक्तूबर 2012

नेहरु खानदान बनाम (सीआईए एजेंट) सोनिया मैनो:-
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मोतीलाल नेहरु और जवाहर लाल नेहरु अंग्रेजो की दलाली करते रहे, अंग्रेजो को सत्ता चलाने में और उनके जाने के बाद उनके अधिपत्य को कायम रखने में अपनी पूरी ताक़त लगा द
ी नेहरु खानदान वस्तुतः मुसलमान था देश को धोखा देने की नियत से हिन्दू बना वर्ण शंकर होने के बाद दोनों का न रहा अंग्रेजो की वफ़ादारी में इसाइयत को आगे बढ़ाने का काम किया अन्दर से हमेसा मुसलमान होने के नाते पाकिस्तान का साथ देता रहा आइ एस आइ (पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी) के लिए काम करता रहा लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में रूश और अमेरिका में खीचा तानी होने के नाते भारत का झुकाव रुष के पक्छ में रहता था, नेहरु का खुनी खेल २३ जून १९५३ में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के खून से ही सुरु हो गया था बाद में मरने के बाद इंदिरा ने सत्ता के लिए लालबहादुर शास्त्री को के जी बी (रूशी ख़ुफ़िया एजेंसी) से मिलकर ११ जनवरी १९६६ को तासकंद में मरवा दिया इसके बाद तो जो भी इनके रास्ते में आया या प्रधानमंत्री बनने के सपने पाले मार दिए गए, संजय गाँधी को इंदिरा ने खुद २३ जून १९८० में मरवा दिया और इंदिरा गाँधी को सोनिया मैनो ने मरवाया यहाँ से सोनिया मैनो ने खुनी खेल की कमान सभाली फिर भी आगे बढने से पहले सोनिया के बारे में बताना चाहूँगा,
सोनिया मैनो सीआईए (अमेरिकन खुपिया एजेंसी) एजेंट कैसे बनी? और नेहरु खानदान में कैसे आई? जानने के लिए सोनिया मैनो है कौन?
तो पहले अंतर्राष्ट्रीय पहलू जानना होगा, तथा कथित आजादी के बाद भारत का झुकाव हमेसा रूस के तरफ रहा जो अमेरिका को नागवार गुजरता था सो अमेरिका ने एक दूरगामी साजिस के तहत सोनिया के बाप को जो के जी बी (रूशी ख़ुफ़िया एजेंसी) का एजेंट था उसे सीआईए (अमेरिकन खुपिया एजेंसी) में सामिल करवाया और फिर उसके उपर डबल एजेंट होने का आरोप लगा कर उसकी बेटी सोनिया मैनो को सीआईए (अमेरिकन खुपिया एजेंसी) में सामिल करके भारत को अपने बस में करने की साजिस रची, यहाँ से सीआईए एजेंट सोनिया मैनो का काम सुरु हुआ सोनिया ने खुद को राजीव के सामने परोसा वर्ण संकरी संस्कार बिहीन राजीव सोनिया के जाल में फस कर सादी कर ली तो सोनिया का अगला सिकार इंदिरा गाँधी बनी जिसे सीआईए और खालिस्तानी मिलिटेंट के द्वारा ३१ अक्तूबर १९८४ को मरवा दिया आगे राजीव गाँधी के प्रधानमंत्री बन जाने पर भी भारत रूस की तरफ ही रहा तो उधर रूस बिखर रहा था इधर सीआईए और लिट्टे से मिल कर राजीव गाँधी को २१ मई १९९१ में अपना दूसरा सिकार बना दिया यही से भारत में अमेरिका का सिक्का चलना सुरु हुआ गुजराल, देव गौडा, नरसिंह राव को मोहरे की तरह इस्तेमाल करते हुए सोनिया ने भारत को अमेरिका का पिछलग्गू बना दिया इस बिच जिसने भी सोनिया की हकीकत समझने और प्रधानमंत्री बनने की कोसिस की जैसे राजेस पायलट को ११ जून २००० में कार एक्सीडेंट में मरवा दिया और माधव राव सिंधिया को ३० सितम्बर २००१ में प्लेन क्रेश में मरवा दिया मनमोहन सिंह जैसे टट्टू को प्रधानमंत्री बना कर सरकार चला रही सीआईए एजेंट सोनिया के जरिये अमेरिका भारत पर राज्य कर रहा है

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