शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

"सरद पावर जैसे सीधे आदमी के सीधे मुह पर टेढ़े आदमी का टेढ़ा थप्पड़"

सरद पवार को एक सिरफिरे ने "थप्पड़" मारा आपका क्या कहना है इस बारे में, जब पत्रकार ने अन्नाहजारे से उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो अन्ना हजारे ने उल्टा सवाल कर दिया "बस एक"? और यही उनका जबाब भी था, जिसे आप चाहे तो २०११ की अंतिम मसखरी का नाम दे सकते है ॐ जयहिंद बंब्दे मातरम       

पेप्सी, कोकाकोला और वाल मार्ट जैसी कम्पनिया कोई और नहीं भारतीय कालेधन कुबेरों, पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो की नाजायज सम्पत्ति, बेनामी दौलत, या यु कहे कि भारत का ही लुटा हुआ काल धन है

पूर्व काल में भी तत्कालीन धनाढ्यो एवं अविवेकशील राजाओ द्वारा "इस्ट इंडिया कंपनी" बुलाई गई थी, आई नहीं थी, कालान्तर में "इस्ट इंडिया कंपनी" देस की गुलामी का कारण बनी, हम आज तक उस गुलामी से आजाद होने के लिए संघर्ष कर रहे है, पेप्सी, कोकाकोला जैसी कम्पनिया हमें बीमार करने में पहले से ही लगी हुई थी अब "वाल मार्ट" जैसी कम्पनिया हमारे नमक रोटी पर हमला करने के लिए बुलाई जा रही है, दरअसल पेप्सी, कोकाकोला और वाल मार्ट जैसी कम्पनिया कोई और नहीं भारतीय कालेधन कुबेरों, पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो की नाजायज सम्पत्ति, बेनामी दौलत, या यु कहे कि भारत का ही लुटा हुआ काल धन है, अब ये देस को तय करना होगा कि इन्हें आने से रोके या आने के बाद कब्जा करे..???..ॐ बन्दे मातरम जय हिंद