सोमवार, 19 दिसंबर 2011

"मेरी आवाज सुनो" अन्ना हजारे गद्दार है, गद्दार है, गद्दार है, कांग्रेसी है

पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो की अनब्याहता अर्धांगिनी मीडिया "कालेधन एवं ब्यवस्था परिवर्तन जैसे भीषण और ज्वलंत समस्याओ अर्थात बाबा रामदेव" के साथ सौतेला ब्यवहार करके और अपने अन्नदाता को बचाने की कोशिश करके राष्ट्र एवं राष्ट्रधर्म से गद्दारी कर रही है, मीडिया अपने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ होने का दाइत्व भूल चुकी है, अपने अन्नदाता के इशारे पर अन्नाहजारे जैसे कुटिल आदमी को आसमान पर पहुचाने की कोशिश में लगी हुई है १८५७ और १९४७ की तरह एक बार फिर छल हो रहा है, अन्नाहजारे द्वारा छले जाने के बाद देश का आम आदमी एक बार फिर समग्र क्रांति से हटकर सशस्त्र क्रांति की और यदि निकल पड़ा तो इसके लिए जिम्मेदार लोकतंत्र के दो स्तम्भ (बिधाइका और मीडिया) होंगे इतिहास इन दोनों को कभी माफ नहीं करेगा, कोई माने या न माने मै अपना नागरिक और भारत माता का सच्चा सपूत होने का धर्म जरुर निभाऊंगा एक बार नहीं सौ बार कहूँगा अन्नाहजारे कांग्रेसी है, अन्नाहजारे गद्दार है, गद्दार है, गद्दार है, पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो ने जिसदिन से अन्नाहजारे को मोहरा बना कर बाबारामदेव के पीछे लगाया उसी दिन से मै ये बात कह रहा हु, बाबारामदेव की ऊँगली पकडकर दिल्ली पहुचते ही पीठ में छुरा मारा बाबारामदेव को दिल्ली से हरिद्वार फेकवा दिया खुद कांग्रेस का झुन झुना लोकपाल बिल ले कर अनसन की नौटंकी सुरु कर दिया और जब मीडिया साथ हो तो काहे का रोना दिन को रात और आम का इमली बनना सुरु हो गया, ख़ैर मेरी आवज तो नक्कार खाने में तूती जैसी है फिर भी मै बजाये जा रहा हूँ अपना धर्म निभाए जा रहा हूँ, कहते है सोने वाले को जगाया जा सकता है लेकिन सोने का नाटक करने वाले को नहीं जगाया जा सकता है और मेरा देस भारत तो ६०० साल से सोने का नाटक कर रहा है ये सोच कर की कोई मसीहा आएगा और देस बचाएगा हो रहा है उल्टा, लुटेरे आ रहे है देस लूट रहे है फिर भी देस सो रहा है ॐ बंदेमातरम जयहिंद