सोमवार, 28 नवंबर 2011

पञ्च तत्व का आत्मविलय और बिघटन दोनों ही सत्य है

मेरे पूज्य पिता का देहावसान २३ नवम्बर को होने के कारण ३० नवम्बर से लेकर ७ दिसम्बर तक उत्तेर प्रदेश अपने गावं में रहूँगा तबतक के लिए अपने शुभ चिंतको से छमा चाहता हूँ अगला सम्पर्क ७ दिसम्बर के बाद होगा

शनिवार, 26 नवंबर 2011

पेप्सी, कोकाकोला और वाल मार्ट जैसी कम्पनिया कोई और नहीं भारतीय कालेधन कुबेरों, पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो की नाजायज सम्पत्ति, बेनामी दौलत, या यु कहे कि भारत का ही लुटा हुआ काल धन है

पूर्व काल में भी तत्कालीन धनाढ्यो एवं अविवेकशील राजाओ द्वारा "इस्ट इंडिया कंपनी" बुलाई गई थी, आई नहीं थी, कालान्तर में "इस्ट इंडिया कंपनी" देस की गुलामी का कारण बनी, हम आज तक उस गुलामी से आजाद होने के लिए संघर्ष कर रहे है, पेप्सी, कोकाकोला जैसी कम्पनिया हमें बीमार करने में पहले से ही लगी हुई थी अब "वाल मार्ट" जैसी कम्पनिया हमारे नमक रोटी पर हमला करने के लिए बुलाई जा रही है, दरअसल पेप्सी, कोकाकोला और वाल मार्ट जैसी कम्पनिया कोई और नहीं भारतीय कालेधन कुबेरों, पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो की नाजायज सम्पत्ति, बेनामी दौलत, या यु कहे कि भारत का ही लुटा हुआ काल धन है, अब ये देस को तय करना होगा कि इन्हें आने से रोके या आने के बाद कब्जा करे..???..ॐ बन्दे मातरम जय हिंद

"इतिहास जानता है कि चाणक्य कभी सहीद नहीं होते क्युकी उन्हें चन्द्रगुप्त का निर्माण करना होता है, धैर्य रखिये जल्द ही चन्द्रगुप्त भी सामने आएगा"

अन्नाहजारे जैसे धोखेबाज और गद्दार की तुलना युग पुरुष बाबा रामदेव से कभी नहीं की जा सकती, अन्ना हजारे भ्रष्टाचारियो, पूंजीपतियो, कालेधनकुबेरो और कांग्रेसियो के प्रायोजित मोहरे है, उनको सुरक्छा दी गई है, और बाबा रामदेव को जान से मारने की कोशिश की गई थी, अन्ना हजारे को बारह बजे दिन गिरफ्तारी का नाटक किया गया था क्युकी अधिक से अधिक प्रचार हो, बाबा रामदेव पर बारह बजे रात में हमला हुआ था क्युकी जान से मार देना चाहते थे, अन्ना हजारे को रामलीला मैदान जिन्होंने सजा के दिया था, उन्हीने रामलीला मैदान आधीरात को हमला करके सोते हुए निर्दोशो पर जुल्म ढाकर खाली करवा लिया था, अन्नाहजारे बाबारामदेव की ऊँगली पकड़ के दिल्ली आये थे लेकिन बाबा की पीठ में छुरा मारकर कांग्रेस की साजिस में सामिल हो गए, बाबारामदेव पांच साल से गली गली गाव गाव जाकर अलख जगा रहे है, और आज भी लगे हुए है, वो मिडिया को नहीं दिखाई देता लेकिन "अन्ना बाथरूम के अंदर" "अन्ना का बैल(अरविन्द) हरियाणा में" "अन्ना की गाय(किरण) पंजाब में" "अन्ना का गधा(प्रसान्त) कश्मीर में" दिखाई देता है, अन्नाहजारे ने किया क्या है देश के लिए अब तक धोके के सिवा और आज भी वही कर रहे है, रालेगावं को "रहट" चला कर पानी पिला रहे है, जो की आज गली नुक्कड़ के हर छुटभैये नेता से लेकर कांग्रेसियो के धुरन्धरो तक यही तो कर रहे है, "इतिहास जानता है कि चाणक्य कभी सहीद नहीं होते क्युकी उन्हें चन्द्रगुप्त का निर्माण करना होता है, धैर्य रखिये जल्द ही चन्द्रगुप्त भी सामने आएगा", बाबारामदेव की तुलना अन्नाहजारे जैसो से करना सूरज को दिया  दिखने के बराबर है, और अंतिम बात "अहिंसा वादी महात्मा गाँधी ने लंगोट से नोट तक का सफर लाखो बेगुनाह लासो से गुजर कर किया था, अब अहिंसा वादी महात्मा अन्ना हजारे भी कुछ येसा ही गुल खिलायेगे राष्ट्रपति भवन तक पहुचने के लिए...ॐ बन्दे मातरम जयहिंद

शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

"सरद पावर जैसे सीधे आदमी के सीधे मुह पर टेढ़े आदमी का टेढ़ा थप्पड़"

सरद पवार को एक सिरफिरे ने "थप्पड़" मारा आपका क्या कहना है इस बारे में, जब पत्रकार ने अन्नाहजारे से उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो अन्ना हजारे ने उल्टा सवाल कर दिया "बस एक"? और यही उनका जबाब भी था, जिसे आप चाहे तो २०११ की अंतिम मसखरी का नाम दे सकते है ॐ जयहिंद बंब्दे मातरम       

पेप्सी, कोकाकोला और वाल मार्ट जैसी कम्पनिया कोई और नहीं भारतीय कालेधन कुबेरों, पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो की नाजायज सम्पत्ति, बेनामी दौलत, या यु कहे कि भारत का ही लुटा हुआ काल धन है

पूर्व काल में भी तत्कालीन धनाढ्यो एवं अविवेकशील राजाओ द्वारा "इस्ट इंडिया कंपनी" बुलाई गई थी, आई नहीं थी, कालान्तर में "इस्ट इंडिया कंपनी" देस की गुलामी का कारण बनी, हम आज तक उस गुलामी से आजाद होने के लिए संघर्ष कर रहे है, पेप्सी, कोकाकोला जैसी कम्पनिया हमें बीमार करने में पहले से ही लगी हुई थी अब "वाल मार्ट" जैसी कम्पनिया हमारे नमक रोटी पर हमला करने के लिए बुलाई जा रही है, दरअसल पेप्सी, कोकाकोला और वाल मार्ट जैसी कम्पनिया कोई और नहीं भारतीय कालेधन कुबेरों, पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो की नाजायज सम्पत्ति, बेनामी दौलत, या यु कहे कि भारत का ही लुटा हुआ काल धन है, अब ये देस को तय करना होगा कि इन्हें आने से रोके या आने के बाद कब्जा करे..???..ॐ बन्दे मातरम जय हिंद             

गुरुवार, 24 नवंबर 2011

कालेधन कुबेर, देशद्रोही, भ्रष्टाचारियो की सजा सिर्फ और सिर्फ "मौत" है


कालेधन कुबेर, देशद्रोही, भ्रष्टाचारियो द्वारा बिदेसी बैंको में पैसा जमा करना सिर्फ एक आर्थिक अपराध नहीं है, देस का धन बिदेसो में छुपा कर रखने वाले चोर नहीं बल्कि कातिल है, ये हत्यारे देस के लाखो किसानो को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किये है, ये कातिल गरीबी, बदहाली, मजबूरी, लाचारी के हथियार से करोडो लोग का क़त्ल किये है, ये देशद्रोही देस की हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी मौतों के लिए जिम्मेदार है, ये देशद्रोही देस का धन लूटकर बिदेसो में जमा करके जो भयानक अपराध किया है उसकी सजा सिर्फ और सिर्फ "मौत" है, अगर भारतीय लोकतंत्र इन देसद्रोहियो को सजा देने में नाकाम होता है, तो देस की मजलूम जनता लीबिया की तर्ज पर इन "गद्दाफियो" को सजा दे तो कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा ॐ जयहिंद बंदेमातरम

बुधवार, 23 नवंबर 2011

"अहिंसा वादी महात्मा गाँधी ने लंगोटी से नोटों तक का सफर लाखो बेगुनाह लासो से गुजर कर किया था, अब अहिंसा वादी महात्मा अन्ना हजारे भी कुछ येसा ही गुल खिलायेगे राष्ट्रपति भवन तक पहुचने के लिए

कमलेश उपाध्याय आपके जोश की और उबलते हुए कुछ कर गुजरने की ललक को समझते हुए हम आपकी कद्र करते है लेकिन अन्नाहजारे जैसे धोखेबाज और गद्दार की तुलना युग पुरुष बाबा रामदेव से कभी नहीं की जा सकती, अन्ना हजारे भ्रष्टाचारियो, पूंजीपतियो, कालेधनकुबेरो और कांग्रेसियो के प्रायोजित आदमी है उनको सुरक्छा दी गई है और बाबा रामदेव को जान मारने की कोशिश की गई थी, अन्ना हजारे को बारह बजे दिन गिरफ्तारी का नाटक किया गया था क्युकी अधिक से अधिक प्रचार हो, बाबा रामदेव पर बारह बजे रात में हमला हुआ था क्युकी जान से मार देना चाहते थे, अन्ना हजारे को रामलीला मैदान जिन्होंने सजा के दिया था उन्हीने रामलीला मैदान आधीरात को हमला करके सोते हुए निर्दोशो पर जुल्म ढाकर खाली करवा लिया था, अन्नाहजारे बाबारामदेव की ऊँगली पकड़ के दिल्ली आये थे लेकिन बाबा की पीठ में छुरा मारकर कांग्रेस की साजिस में सामिल हो गए, बाबारामदेव पांच साल से गली गली गाव गाव जाकर अलख जगा रहे है, और आज भी लगे हुए है, वो मिडिया को नहीं दिखाई देता लेकिन "अन्ना बाथरूम के अंदर" "अन्ना का बैल हरियाणा में" "अन्ना की गाय पंजाब में" "अन्ना का गधा कश्मीर में" दिखाई देता है, अन्नाहजारे ने किया क्या है देश के लिए धोके के सिवा और आज भी वही कर रहे, रालेगावं को "रहट" चला कर पानी पिलाया है जो की आज गली नुक्कड़ के हर छुटभैये नेता से लेकर कांग्रेसियो के धुरन्धरो तक यही तो कर रहे है, रही बात पलायन की तो याद रहे चाणक्य कभी सहीद नहीं होते क्युकी  उन्हें चन्द्रगुप्त का निर्माण करना होता है, "धैर्य रखिये जल्द ही चन्द्रगुप्त भी बहार आएगा" दुबारा फिर कभी बाबारामदेव की तुलना अन्नाहजारे जैसो से मत करना और अंतिम बात "अहिंसा वादी महात्मा गाँधी ने लंगोटी से नोटों तक का सफर लाखो बेगुनाह लासो से गुजर कर किया था, अब अहिंसा वादी महात्मा अन्ना हजारे भी कुछ येसा ही गुल खिलायेगे राष्ट्रपति भवन तक पहुचने के लिए...ॐ बन्दे मातरम जयहिंद                                                  

सोमवार, 21 नवंबर 2011

"अन्नाहजारे और कांग्रेस मिलकर फिर लुटेगे देश(अगले सौ साल तक)"

"गाँधीवादी" अन्नाहजारे को गाँधी नम्बर दो बनाने का खेल भ्रष्टाचारियो, पूंजीपतियो, कालेधनकुबेरो द्वारा खेला जा रहा है, लेकिन संघ और भाजपा बेवजह "मान न मान मै तेरा मेहमान" बनने की कोशिश में लगी है और अभी से २०१४ की ताजपोशी के मुगेरी लाल के सपने बुनने में लग गई है, पर सच तो ये है कि अन्नाहजारे कांग्रेस के लिए काम कर रहे है, अन्ततोगत्वा कांग्रेस लोकपाल बिल का झुन झुना अन्नाहजारे गाँधी नम्बर दो के हाँथ में थम्हा कर उडनखटोले में बैठाकर गावं गावं गली गली घुमाकर वोट मंगवाएगी, नारा होगा "गाँधी (नंबर दो) और कांग्रेस, मिलकर फिर लुटेगे देश" अगले सौ साल तक ..ॐ बंदेमातरम जय हिंद                

शनिवार, 19 नवंबर 2011

देस पर पड़ेगा भारी" अन्ना हजारे कि गद्दारी,



"गाँधी" का दर्शन, रामराज्य की परिकल्पना स्वराज्य, स्वदेसी, सुशासन से ओत प्रोत था पर उनकी भूमिकाये और उनका निर्णय उनके खुद के दर्शन से कोसो दूर था, गाँधी द्वारा दिया गया अहिंसा का दर्शन तो जैसे देश के लिए अभिशाप और पूंजीपतियो के लिए बरदान साबित हुआ, पूंजीपतियो से मेरा मतलब अंग्रेजी सल्तनत और देसी धनपतियो से है, गाँधी के विवेकहीन निर्णयों के परिणामस्वरूप देस को ६४ साल की बर्तमान गुलामी उपहार स्वरुप मिली है और इसके लिए अकेले गाँधी कि हि जिम्मेदारी होती है, क्यों कि १९१५ से लेकन १९४७ तक तो देस को "अहिंसावाद" शब्द से अपाहिज कर देने का श्रेय उनको हि जाता है, आज भी गाँधीवादी अहिंसा का इस्तेमाल बिस्व के दुसरे देस हमको गाँधी के तिन बन्दर बनाने के लिए हि करते है उदाहरण के लिए यूरोपीय देसों का ब्यवहार इराक, लीबिया, अफगानिस्तान इत्यादि के मामलो में देखा जा सकता है, यहाँ सवाल गड़े मुर्दे उखाड़ने का नहीं है, बल्कि १९१५ से १९४७ के इतिहास कि पुनराब्रित्ति का है, एक बार फिर एक नासमझ गाँधीवादी अन्ना हजारे को हथियार बनाकर देसी बिदेसी पूंजीवादी पूंजीपतियो ने साजिस के तहत देस को गाँधी के तिन बन्दर बनाने कि कोशिश में लगे हुए है और कुछ हद तक सफल भी हुए है क्युकी सुचना तंत्र आज भी उनके हि हाथ में है, बड़े दुःख के साथ ये लिखना पड़ रहा है कि देश ९५ साल पहले पूर्णतया (वास्तविक आजादी) आजाद हो गया होता काश? देश में गाँधी न होते, ख़ैर देश फिर एक बार ९५ साल पहले के चौराहे पर खड़ा है इस बार भी देसी बिदेसी पूंजीपतियो का हथियार है सुचना तंत्र और मोहरे बने है "गाँधीवादी अन्नाहजारे", पांच साल के अथक परिश्रम से बाबा रामदेव ने घर घर जाकर जन जागरण कर अभियान चलाकर पुरे देस को कालेधन, ब्यवस्था परिवर्तन और भ्रष्टाचार के बारे अलख जगाकर उठाया तो देसी बिदेसी पूंजीपतियो ने अपने अंजाम से बौखला कर तुरुप के पत्ते कि तरह अन्नाहजारे को आगे कर दिया खुद को बचाने के लिए, सायद अन्नाहजारे को लगता हो कि वो सही काम कर रहे है लेकिन देस को डरना चाहिए अगले सौ साल कि गुलामी से जिसके लिए एक मात्र गाँधी कि तरह अन्न्हाजारे जिम्मेदार होगे, लोकपाल बिल भले हि देस को सुधारने के लिए हो लेकिन कालाधन और ब्यवस्था परिवर्तन देश को उठ खड़ा होने के लिए है, यदि देस उठ कर खड़ा हि नहीं होगा तो जमीन पर पड़े पड़े सुधर कर क्या करेगा इतनी छोटी सी बात अन्नाहजारे नहीं समझ रहे है एसा देस नहीं मान सकता इससे बात साफ है कि अन्नाहजारे देश से जानबूझ कर धोका कर रहे है, ब्यक्तित्ववादी मह्त्वाकांछा कि भूख मिटाने के लिए देस से गद्दारी कर रहे है यदि मेरे आरोप गलत है तो अन्नाहजारे जबाब दे, या फिर कालाधन, ब्यवस्था परिवर्तन के साथ लोकपाल बिल का मामला उठाये..ॐ जयहिंद बंदेमातरम

मंगलवार, 15 नवंबर 2011

"शर्म आने की जगह गुस्सा आता है (raul vinci) राहुल गाँधी को" क्यों?

"शर्म आने की जगह गुस्सा आता है (raul vinci) राहुल गाँधी को" क्यों? गोरो ने हम भारतीयों को हमेसा भिखारी ही समझा, आज भी यही समझते है, तुमने भी भारतीयों को भिखारी कहकर साबित कर दिया की तुम भी गोरे हो ये बात देस अच्छी तरह जनता है, "ये सच है की हम मजदूर है जिस पर हमें गर्व है पर भिखारी नहीं, फिर भी हमारे आज के लिए "गाँधी", तुम्हारा खानदान, और कुछ चोर कांग्रेसी जिम्मेदार है, इस बात पर तो शर्म आनी चाहिए आपको, गुस्सा क्यों? और हाँ जिस दिन हम भारतीय अपने पैसे (चोरो द्वारा बिदेसो में छिपाया कला धन) लेने में कामयाब हो गए तो गोरो के हाथ में बस कटोरा ही बचेगा जो आज नहीं कल तो होना हि है..ॐ बन्दे मातरम जय हिंद                     

शनिवार, 12 नवंबर 2011

भारतीय जनता पार्टी के लिए बिहार में कमजोर "लोकायुक्त"

भारतीय जनता पार्टी के लिए बिहार में कमजोर "लोकायुक्त" के मुद्दे पर नीतिस कुमार के स्वयम्भू निर्णय पर नीतिस कुमार को सबक सिखाने का, खुद को भ्रष्टाचार बिरोधी देश भक्त साबित करने का और अन्नाहजारे के न चाहते हुए भी उनकी नौटंकी का लाभ उठाने का इससे अच्चा मौका नहीं मिलेगा "एक तीर से तीन सिकार" यैसे मौके बार बार नहीं आते ॐ बंदेमातरम  

भारतीय जनता पार्टी के लिए बिहार में कमजोर "लोकायुक्त"

भारतीय जनता पार्टी के लिए बिहार में कमजोर "लोकायुक्त" के मुद्दे पर नीतिस कुमार के स्वयम्भू निर्णय पर नीतिस कुमार को सबक सिखाने का, खुद को भ्रष्टाचार बिरोधी देश भक्त साबित करने का और अन्नाहजारे के न चाहते हुए भी उनकी नौटंकी का लाभ उठाने का इससे अच्चा मौका नहीं मिलेगा "एक तीर से तीन सिकार" यैसे मौके बार बार नहीं आते ॐ बंदेमातरम  

बुधवार, 9 नवंबर 2011

स्वामी अग्निवेस की सही जगह "बिगबोस"

स्वामी अग्निवेस की सही जगह "बिगबोस"(bigbos) ही है भाटीनो के बीच, लेकिन मंडली मालिक अन्नाहजारे तथा बाकी के गुरुभाई अरविन्द, सिस्योदिया, किरण, और प्रसान्त भी साथ हो तो देस का भला न सही मनोरंजन तो होता...ॐ बंदेमातरम     

शनिवार, 5 नवंबर 2011

"अन्नाहजारे देश से "धोका" और "गद्दारी" कर रहे है"

अन्नाहजारे कांग्रेस से सासबहू का तूतू मैमै और देस के साथ धोका कर रहे है यह धोका ठीक वैसा ही है जैसा १९४७ में कांग्रेस का अंग्रेजो के साथ सासबहू का तूतू मैमै और देस के साथ धोका किया था "ब्यवस्था का हस्तांतरण" (Transfer of power) के जरिये आजादी को मान कर वैसे तो देस के क़त्ल से लेकर ६४ साल की गुलामी तक बहुत से दुष्परिणाम निकले उस एतिहासिक भूल से, लेकिन अन्नाहजारे की आज के "धोके" और "गद्दारी" का दुष्परिणाम उससे भी भयानक होगा अगले सौ सालो तक फिर कटोरा लेकर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में घूमता फिरेगा भारत अपनी छोटी से छोटी जरूरतों के लिए सर्वोपरी होने का भारत का सपना मिटटी में मिल जायेगा, देसी और बिदेसी पूंजीपतियो के मोहरे है अन्नाहजारे और इस बात को मै कही भी और कभी भी साबित कर सकता हूँ, अगर अन्नाहजारे मुझ जैसे आम आदमी का जबाब देने की जरुरत नहीं समझते या समय नहीं निकालते तो उन्हें प्रधानमंत्री से सवाल पूछने का हक़ किसने दिया और अगर पूंजीपतियो की नुमाइन्दगी करनी ही है तो देश के आम आदमी की आँखों में धुल क्यों झोक रहे है...ॐ बंदेमातरम जय हिंद

बुधवार, 2 नवंबर 2011

श्रीमान अन्नाहजारे जी सादर प्रणाम

श्रीमान अन्नाहजारे जी सादर प्रणाम, आप हमेसा पत्र लिखते ही रहते है खास करके प्रधानमंत्री जी को लिखने को तो प्रधानमंत्री जी को मै भी पत्र लिख सकता हूँ भले ही आम आदमी हूँ, लेकिन जानता हु मनमोहन सिंग जी जब अपने दिल की ही आवाज नहीं सुन पाते तो आपकी या हमारी आवाज क्या सुनेगे, फिर मैने आपको ही लिखना उचित समझा क्युकी आखिर में आप तो महात्मा बन ही गए जो आपकी सबसे बड़ी ख्वाहिस थी और आज नहीं तो कल "राष्ट्र भ्राता" और भारत रत्न बन जायेगे देस के  राष्ट्रपती भी बन जायेगे, आपने अच्छी गठजोड़ बना रक्खी है पूंजीपतियो और कांग्रेसियो से, दिग्बिजय सिंह जैसे जोकरों से तो यु ही ठिठोली करते रहते है देश की आम जानता को उल्लू बनाने के लिए, पूंजीपतियो के पालतू ,,,,, डुग डुगी मिडिया जो अभी "अन्ना बाथरूम के अंदर" "अन्ना का बैल हरियाणा में" "अन्ना की गाय पंजाब में" "अन्ना का गधा कश्मीर में" दिखा कर देश को पका रही है क्यों? ये आप भी जानते है और पूंजीपती भी, कुछ कुछ हम भी, माफ कीजियेगा मै आपको ही आपके बारे में बताने लगा, मै तो आपको पत्र लिख रहा हूँ, जैसा की आपने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में लिखा है की मजबूत जन लोकपाल बिल पास होने से ६०% भ्रष्टाचार मिट जायेगा, बस इतनी सी बात पे पूंजीपतियो के भांट(मिडिया) आपको "महात्मा" "दुसरे गाँधी" और न जाने क्या क्या साबित करने पर तुले हुए है ख़ैर मेरा सवाल आपसे है क्या? मजबूत जन लोकपाल बिल पास होने पर कांग्रेस के लिए वोट मागेगे??? जबकि एसा करने के लिए आप अपना मुह मिडिया के सामने फाड़ चुके है की यदि शीतकालीन सत्र में कांग्रेस मजबूत जन लोकपाल बिल पास करवा देती है तो कांग्रेस के लिए वोट मागेगे, येसा आप कैसे कर सकते है ??? क्या? कांग्रेस के लिए वोट मांगना देस के साथ धोका नहीं होगा ??? महात्मा अन्ना हजारे यदि मजबूत जन लोकपाल बिल पास हो गया तो आप किसके साथ धोका करेगे "देस" या "कांग्रेस" ??? एक न एक के साथ तो आपको धोका करना ही पड़ेगा, महात्मा अन्ना हजारे जहाँ देश में यह माहौल है कि यदि कांग्रेस काले धन, ब्यवस्था परिवर्तन और लोकपाल बिल तीनो मुद्दों का हल एक साथ निकाल ले तो भी २०१४ में कांग्रेस कि पुरे देस में जमानत नहीं बचनी चाहिए, वही आप कांग्रेस के लिए वोट मागने कि बात करके देस कि आँखों में धुल झोक रहे है, रही बात लोकपाल बिल की तो यदि १००, ५००, १०००, की नोट बंद कर दिया जाय और वापस ले लिया जाय तो ७०% भ्रष्टाचार ख़त्म हो जायेगा, ४०% घरेलु काला धन बाहर आ जायेगा और ३०% अपराध(नकली नोटों से लेकर क़त्ल तक) ख़त्म हो जायेगा फिर लोकपाल बिल ही क्यों ??? महात्मा अन्नाहजारे कही लोकपाल बिल से पूंजीपतियो को बचाने की कोसिस तो नहीं कर रहे है आप ??? क्युकी लोकपाल बिल से पूंजीपतियो का एक पैसे का नुकसान नहीं होगा उल्टा फायदा होगा सरकारी दफ्तरों में काम के एवज में घुस देने से बच जायेगे तो क्या? ये सच नहीं है की लोकपाल बिल का खेल आप पूंजीपतियो के इशारे पर तो नहीं कर रहे है और इसी लिए पूंजीपतियो के भांट(मिडिया) आपको सर पे बिठा रक्खा है ??? क्या? आपने बाबारामदेव से दूरी पूंजीपतियो के कहने पर ही बना रक्खी है, कालेधन और ब्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे से सीधा नुकसान पूंजीपतियो या नेतागिरी से बने पूंजीपतियो का होगा जिसके कारण पूंजीपती और चोर नेता बाबा रामदेव को मिटा देना चाहते है और आप भी पर्दे के पीछे से उनका साथ दे रहे है ??? क्या? आपके आन्दोलन को देसी और बिदेसी दोनों पूंजीपतियो द्वारा पैसा मिल रहा है ??? आर यस यस को आप क्या समझते है देशद्रोही या देशभक्त ??? यदि देशभक्त मानते है तो साथ खड़े होने में आना कानी कैसी और यदि देशद्रोही मानते है तो राष्ट्र भक्त कौन है "कांग्रेस" ???     भारत की जनता भेडचाल में बिस्वास रखती है जिसके चलते ४०० साल तक मुट्ठी भर मुग़ल और गिनती के गोरे गुलाम बनाकर रखने में सफल हो गए, कालांतर में "गाँधी" कांग्रेस, पूंजीपति और अंग्रेज मिलकर देस का क़त्ल कर दिया और ६४ साल की बर्तमान गुलामी सौगात में दे दी अब वही काम आप कर रहे है "देसी बिदेसी पूंजीपतियो" काले धनपतियो" और कांग्रेसियो से मिलकर सैकड़ो साल की गुलामी फिर देस को देना चाहते है क्यों ??? सदीओ में एक बार ही कोई रामदेव जैसा युगपुरुष अवतरित होता है जो देस को पूर्ण आजादी दिलाने के लिए तन मन धन से काले धन, भ्रष्टाचार और ब्यवस्था परिवर्तन को मुद्दा बनाकर लड़ाई छेड़ रक्खी है लेकिन बीच में आप अपने आकाओ के इशारे पर कालीबिल्ली की तरह रास्ता काट कर लोकपाल जैसा मुद्दा लेकर देस को गुमराह करने में लगे है, यदि आप में जरा सी भी राष्ट्रभक्ति है तो काले धन, भ्रष्टाचार और ब्यवस्था परिवर्तन जैसे तीनो मुद्दों पर साथ आगे बढिए या रास्ते से हट जाइये, राले गावं में "रहट" चलाइए लोगो को पानी पिलाइए, अन्नाहजारे जी ब्यक्तित्ववादी इन्सान अपनी महत्वाकान्छाओ से इतना ग्रसित होता है की न जाने कब आम इंसानों के अरमानो को कुचल कर आगे निकल जाता है उसे भी पता नहीं चलता एसा आपके गुरु "गाँधी" ने भी किया था और अब आप भी उसी रास्ते पर है, मेरी बाते आपको कडवी लगती होगी लेकिन सच जो है कडवी तो होगी ही, अन्नाहजारे जी अपने दिल पर हाँथ रख कर अपने जमीर को जगाइए और मेरे इस पत्र का जबाब दीजिये फिर प्रधानमंत्री के जबाब का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, ॐ बन्दे मातरम, जयहिंद 

मंगलवार, 1 नवंबर 2011

धन्यवाद

प्रिय ब्रिन्दावन जी नमस्कार और आपको धन्यवाद इसलिए नहीं की आपने मेरे लेख की प्रसंसा की बल्कि इसलिए की आपने बखूबी लेख में लिखे तत्व को भली भाति समझा जिस तरह गाँधी की गलतियो के बोझ तले हम ६५ साल से दबे हुए है उसी तरह अगले पचास साल अन्नाहजारे की गलतियो को ढोते रह जाय इस लिए देस को ये समझाना जरुरी है की भ्रष्टाचारियो, अत्याचारियो, दलालों, देशद्रोहियो, पूंजीपतियो, पूंजीवादियो, काले धनकुबेरो, लुटेरो से ज्यादा खतरनाक अन्नाहजारे है हमारी आजादी की लड़ाई के लिए ॐ जहिंद बंदेमातरम