मंगलवार, 2 अक्तूबर 2012


भारत दुनिया का बिश्व गुरु था, आज भी है और आगे भी रहेगा, लाखो वर्सो से पूरी दुनिया पर भारत ने राज्य किया है, सिर्फ पिछले ३०० सालो में मुग़ल लुटेरो, अंग्रजो और अंग्रेजो के भारतीय दलालों ने हमारी संस्कृती को नष्ट करने की कोशिस की, इतिहास को तोड़ मरोड़ कर गलत तरीके से पेस किया, सब कुछ भूगोल को नष्ट करने, बदलने और लुटने के लिए हमें गुमराह किया, हम कभी भी आतताई और दुराचारी नहीं थे लेकिन असुरो, नराधमो और दुष्टों का नास हमेसा से करते आये है हमारी रगों में "धनुर्धर राम" और " चक्र धारी कृष्ण" का खून तथा "खड्ग धारी माँ दुर्गा" और "बिनासिनी काली" का ढूध दौड़ता है, हमारे तो देवी देवता भी शस्त्र धारी थे, हम अहिंसावादी कायरो की नहीं दुष्ट विनासक बीरो की संतान है, हमें आज के "अधर्मी वर्ण शंकरो" के बिनास के लिए शस्त्र धारण करना ही होगा
बन्दे मातरम

शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,