गुरुवार, 13 दिसंबर 2012

जैसी करनी वैसी भरनी पूज्य श्री स्वामी रामदेव जी के पीठ में छुरा मारने वाले अन्ना हजारे के पीठ में उन्ही के चेले अरविन्द केजरीवाल ने छुरा मारा



दिनांक ६ दिसंबर को अन्ना हजारे जी ने अरविन्द केजरीवाल के विरुद्ध जो वक्तव्य दिया उससे अरविन्द केजरीवाल की निष्ठा सन्दिग्ध हुई है। अन्नाजी ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सत्ता और धन के लिए राजनीति कर रहे हैं और वे कभी भी केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के पक्ष में वोट नहीं डालेंगे। अन्नाजी कोई दिग्विजय सिंह नहीं हैं जिनके कथन को हवा में उड़ा दिया जाय। अन्नाजी के कारण ही केजरीवाल ज़ीरो से हीरो बने। उन्होंने यश और प्रसिद्धि के लिए अन्ना जी का भरपूर दोहन किया। अन्नाजी को जब केजरीवाल की असली मन्शा का पता लगा तो उन्होंने अविलंब केजरीवाल से संबन्ध तोड़ लिया। अन्ना के जन आन्दोलन के साथ अरविन्द केजरीवाल की निष्ठा आरंभ से ही सन्दिग्ध रही है। कांग्रेस के एजेन्ट स्वामी अग्निवेश केजरीवाल की ही अनुशंसा पर अन्ना की कोर कमिटी के सदस्य बने। अग्निवेश के चरित्र को सबसे पहले किरण बेदी ने पहचाना और वीडियो के माध्यम से आम जनता के सामने रखा। किरण बेदी और केजरीवाल के बीच मतभेदों की यही शुरुआत थी। आज भी स्वामी अग्निवेश से केजरीवाल के संबन्ध पूर्ववत हैं। सन २००५-०६ में केजरीवाल ने स्वामी अग्निवेश के माध्यम से सोनिया गांधी तक उनकी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्यता पाने के लिए जोरदार लाबिंग की थी। किसी तरह आमंत्रित सदस्य के रूप में दिनांक ४ अप्रिल २००११ को स्वामी अग्निवेश के साथ राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की बैठक में सोनिया गांधी के साथ चाय पीने की उनकी आकांक्षा सफल हो पाई।
केजरीवाल के दादा हरियाणा के एक सफल व्यवसायी थे। धन के प्रति केजरीवाल का लोभ भी जगजाहिर हो चुका है। अन्नाजी ने उनके इस लोभ को सार्वजनिक किया है। केजरीवाल अपने और अपने एनजीओ के लिए देसी या विदेशी, कहीं से भी धन लेने में तनिक भी परहेज़ नहीं करते। वे घोषित रूप से मुख्यतया ‘परिवर्तन’ और ‘कबीर’ नामक दो एनजीओ से संबन्धित हैं। उनकी संस्था ‘कबीर’ ने अमेरिका के फोर्ड फाउन्डेशन से वर्ष २००५ मे १,७२००० एवं वर्ष २००६ में १,९७,००० डालर प्राप्त किए। इसके पर्याप्त साक्ष्य हैं। उन्होंने वर्ष २०१० में भी लाखों डालर फोर्ड फाउन्डेशन से प्राप्त किए। इन सभी अनुदानों का क्या उपयोग हुआ और और किन उद्देश्यों के लिए प्राप्त किए गए, आज तक रहस्य बने हुए हैं। फोर्ड एक मज़े हुए व्यवसायी हैं। बिना लाभ के वे एक धेला भी खर्च नहीं कर सकते। उनके माध्यम से अमेरिका विदेशों में अपने हित साधन करता है। अमेरिका में ‘आवाज़’ नामक एक एनजीओ है जिसे वहां के उद्योगपति चलाते हैं। इस संस्था ने विश्व में अमेरिका के हित में कार्य करते हुए अनेक संस्थाओं को प्रत्यक्ष वित्तीय अनुदान दिया है। मिस्र के तहरीर चौक में आन्दोलन चलाने के लिए इसने करोड़ों डालर खर्च किए, लीबिया में तख्ता पलट के लिए उसने सारे खर्चे उठाए और अब सीरिया में गृह युद्ध के लिए यह संस्था दोनों हाथों से धन ऊलीच रही है। केजरीवाल के दोनों एनजीओ ‘आवाज़’ से संबद्ध हैं।
केजरीवाल को कांग्रेस तथा सरकार में तबतक कोई बुराई या भ्रष्टाचार दिखाई नहीं पड़ा जबतक वे सोनिया गांधी के नेतृत्व में कार्यरत राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्यता के प्रति आशान्वित थे। वे सरकार के आशीर्वाद से ही लगभग २० वर्षों तक आयकर विभाग में वे दिल्ली में ही पदस्थापित थे। दिल्ली के बाहर उनका एक बार भी स्थानान्तरण नहीं हुआ। जबकि उनके स्तर के अन्य अधिकारियों को इतनी ही अवधि में पूरा देश दिखा दिया जाता है। उनकी पत्नी श्रीमती सुनीता केजरीवाल जो उनकी बैचमेट हैं, आज भी विगत २० वर्षों से अतिरिक्त इन्कम टैक्स कमिश्नर के पद पर दिल्ली में ही जमी हुई हैं। उनका भी आज तक दिल्ली के बाहर एक बार भी तबादला नहीं हुआ है। ये उनकी कुछ ऐसी कमजोरियां हैं जिनका केन्द्रीय सरकार जब चाहे अपने पक्ष में इस्तेमाल करती हैं। भाजपा के नेताओं पर केजरीवाल ने कांग्रेस के इशारे पर ही आरोप लगाए थे। वे मुकेश अंबानी, अनु पटेल इत्यादि के चुटकी भर धन के विदेशी बैंकों में जमा होने का भंडाफोड़ करते हैं। मुकेश अंबानी एक अन्तराष्ट्रीय व्यवसायी हैं, उनके यदि सौ करोड़ विदेशी बैंकों में जमा हैं, तो कौन सी आश्चर्य की बात है? केजरीवाल ऐसे ही रहस्योद्घाटन करते हैं। विदेशों में कार्यरत या वहां से वापस आने वाले भारत के लाखों इन्जीनियरों, डाक्टरों, प्रबन्धकों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के खाते विदेशी बैंकों में हैं। क्या उनके द्वारा जमा धन काला धन है? केजरीवाल सोनिया गांधी और राजीव गांधी के विदेशी बैंकों में जमा लाखों करोड़ रुपयों पर रहस्यमयी चुप्पी साध लेते हैं। बाबा रामदेव पूरे हिन्दुस्तान में प्रमाणों के साथ चिल्ला-चिल्ला कर यह बात कहते हैं, सुब्रहमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री को भेजी अपनी २५६ पेज की याचिका में प्रमाणों के साथ इन तथ्यों का खुलासा किया है, लेकिन केजरीवाल सोनिया जी पर एक शब्द भी नहीं बोलते।
१९७४-७५ में इन्दिरा सरकार और कांग्रेस आज की तरह ही भ्रष्टाचार और निरंकुशता का प्रतीक बन चुकी थी। इन्दिरा गांधी के लोकसभा के चुनाव को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया था, जय प्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रान्ति का देशव्यापी आन्दोलन अपने चरम पर था। इन्दिरा जी ने आपात्काल लागू करके अपनी सत्ता बचा ली और लोकतंत्र का गला घोंट दिया। उस समय कांग्रेस के कुशासन और तानाशाही से देश की मुक्ति के लिए सभी विरोधी दलों का एकीकरण अत्यन्त आवश्यक था। जयप्रकाश नारायण ने यह असंभव कार्य कर दिखाया और १९७७ में पहली बार मोरारजी भाई के नेतृत्व में एक प्रभावी और भ्रष्टाचारमुक्त गैरकांग्रेसी सरकार बनी। अपने ढाई साल के कार्यकाल में उस सरकार ने जिस तरह महंगाई, भ्रष्टाचार और तानाशाही के विरुद्ध प्रभावशाली नियंत्रण स्थापित किया उसे हिन्दुस्तान की जनता आज भी याद करती है। अल्प समय में ही वह सरकार कांग्रेस के षडयंत्र का शिकार बन गई। उस समय राजनारायण और चौधरी चरण सिंह ने इन्दिरा जी के इशारे पर जनता के साथ जो विश्वासघात किया, वही कार्य सोनिया जी के इशारे पर आज अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया कर रहे हैं। अगर २०१४ के आम चुनावों के बाद भ्रष्ट और निकम्मी कांग्रेस पुनः सत्ता में वापस आती है, तो इसका पूरा श्रेय राहुल-सोनिया को नहीं, अरविन्द केजरीवाल को जाएगा जो विपक्ष की विश्वसनीयता को सन्देह के घेरे में लाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं


शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,

बुधवार, 24 अक्तूबर 2012

नेहरु खानदान बनाम (सीआईए एजेंट) सोनिया मैनो:-
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मोतीलाल नेहरु और जवाहर लाल नेहरु अंग्रेजो की दलाली करते रहे, अंग्रेजो को सत्ता चलाने में और उनके जाने के बाद उनके अधिपत्य को कायम रखने में अपनी पूरी ताक़त लगा द
ी नेहरु खानदान वस्तुतः मुसलमान था देश को धोखा देने की नियत से हिन्दू बना वर्ण शंकर होने के बाद दोनों का न रहा अंग्रेजो की वफ़ादारी में इसाइयत को आगे बढ़ाने का काम किया अन्दर से हमेसा मुसलमान होने के नाते पाकिस्तान का साथ देता रहा आइ एस आइ (पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी) के लिए काम करता रहा लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में रूश और अमेरिका में खीचा तानी होने के नाते भारत का झुकाव रुष के पक्छ में रहता था, नेहरु का खुनी खेल २३ जून १९५३ में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के खून से ही सुरु हो गया था बाद में मरने के बाद इंदिरा ने सत्ता के लिए लालबहादुर शास्त्री को के जी बी (रूशी ख़ुफ़िया एजेंसी) से मिलकर ११ जनवरी १९६६ को तासकंद में मरवा दिया इसके बाद तो जो भी इनके रास्ते में आया या प्रधानमंत्री बनने के सपने पाले मार दिए गए, संजय गाँधी को इंदिरा ने खुद २३ जून १९८० में मरवा दिया और इंदिरा गाँधी को सोनिया मैनो ने मरवाया यहाँ से सोनिया मैनो ने खुनी खेल की कमान सभाली फिर भी आगे बढने से पहले सोनिया के बारे में बताना चाहूँगा,
सोनिया मैनो सीआईए (अमेरिकन खुपिया एजेंसी) एजेंट कैसे बनी? और नेहरु खानदान में कैसे आई? जानने के लिए सोनिया मैनो है कौन?
तो पहले अंतर्राष्ट्रीय पहलू जानना होगा, तथा कथित आजादी के बाद भारत का झुकाव हमेसा रूस के तरफ रहा जो अमेरिका को नागवार गुजरता था सो अमेरिका ने एक दूरगामी साजिस के तहत सोनिया के बाप को जो के जी बी (रूशी ख़ुफ़िया एजेंसी) का एजेंट था उसे सीआईए (अमेरिकन खुपिया एजेंसी) में सामिल करवाया और फिर उसके उपर डबल एजेंट होने का आरोप लगा कर उसकी बेटी सोनिया मैनो को सीआईए (अमेरिकन खुपिया एजेंसी) में सामिल करके भारत को अपने बस में करने की साजिस रची, यहाँ से सीआईए एजेंट सोनिया मैनो का काम सुरु हुआ सोनिया ने खुद को राजीव के सामने परोसा वर्ण संकरी संस्कार बिहीन राजीव सोनिया के जाल में फस कर सादी कर ली तो सोनिया का अगला सिकार इंदिरा गाँधी बनी जिसे सीआईए और खालिस्तानी मिलिटेंट के द्वारा ३१ अक्तूबर १९८४ को मरवा दिया आगे राजीव गाँधी के प्रधानमंत्री बन जाने पर भी भारत रूस की तरफ ही रहा तो उधर रूस बिखर रहा था इधर सीआईए और लिट्टे से मिल कर राजीव गाँधी को २१ मई १९९१ में अपना दूसरा सिकार बना दिया यही से भारत में अमेरिका का सिक्का चलना सुरु हुआ गुजराल, देव गौडा, नरसिंह राव को मोहरे की तरह इस्तेमाल करते हुए सोनिया ने भारत को अमेरिका का पिछलग्गू बना दिया इस बिच जिसने भी सोनिया की हकीकत समझने और प्रधानमंत्री बनने की कोसिस की जैसे राजेस पायलट को ११ जून २००० में कार एक्सीडेंट में मरवा दिया और माधव राव सिंधिया को ३० सितम्बर २००१ में प्लेन क्रेश में मरवा दिया मनमोहन सिंह जैसे टट्टू को प्रधानमंत्री बना कर सरकार चला रही सीआईए एजेंट सोनिया के जरिये अमेरिका भारत पर राज्य कर रहा है

शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,

मंगलवार, 2 अक्तूबर 2012


भारत दुनिया का बिश्व गुरु था, आज भी है और आगे भी रहेगा, लाखो वर्सो से पूरी दुनिया पर भारत ने राज्य किया है, सिर्फ पिछले ३०० सालो में मुग़ल लुटेरो, अंग्रजो और अंग्रेजो के भारतीय दलालों ने हमारी संस्कृती को नष्ट करने की कोशिस की, इतिहास को तोड़ मरोड़ कर गलत तरीके से पेस किया, सब कुछ भूगोल को नष्ट करने, बदलने और लुटने के लिए हमें गुमराह किया, हम कभी भी आतताई और दुराचारी नहीं थे लेकिन असुरो, नराधमो और दुष्टों का नास हमेसा से करते आये है हमारी रगों में "धनुर्धर राम" और " चक्र धारी कृष्ण" का खून तथा "खड्ग धारी माँ दुर्गा" और "बिनासिनी काली" का ढूध दौड़ता है, हमारे तो देवी देवता भी शस्त्र धारी थे, हम अहिंसावादी कायरो की नहीं दुष्ट विनासक बीरो की संतान है, हमें आज के "अधर्मी वर्ण शंकरो" के बिनास के लिए शस्त्र धारण करना ही होगा
बन्दे मातरम

शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,

शनिवार, 25 अगस्त 2012

उत्तर प्रदेस में मुसलमानों द्वारा मचाया जा रहा आतंक कानूनन गलत है लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है जैसे आप लोगो ने मुसलमान सिंग आतंकवादी को वोट देकर उसके टपोरी बेटे को मुख्यमंत्री बनवा दिया वैसे ही संसदीय चुनाव में भी वोट देकर मुसलमान सिंह को
 प्रधानमंत्री बनवा देना १०० दिन में भारत को मुस्लिम राष्ट्र न घोषित कर दिया तो ,,,,,,
मुसलमान तुम्हारी माँ बहन को भी उठा कर ले जायेगा तो भी पुलिस तुम्हारी रिपोर्ट नहीं लिखेगी
इसी का नाम तो सेक्युलरिज्म है




शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,
दुनिया में सबसे ज्यादा भारत को ही लूटा ज़ा रहा है, भारत और चीन की तुलना करके देखिये की चीन तेजी से ऊपर क्यों ज़ा रहा है .....विदेशी कम्पनियां चीन को नहीं लूट पाती है क्योकि.....

१-भारत में इस समय अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार सत्ता में है,
 जब की चीन में भ्रष्ट लोगो के लिए मौत की सजा का कानून है और अभी अगस्त में २ बड़े अधिकारियो को फांसी दे दी गयी है.

२-भारत की सरकार कालाधन जमा करने वालो को बचाती है, जब की चीन की सरकार ने अभी अभी स्वामी रामदेवजी के 4जून के अनशन से प्रभावित होकर विदेश में खाता रखने वालो के लिए फांसी की सजा का प्राविधान किया है.

३-भारत में एक प्रभावी लोकपाल के लिए जनता को सड़क पर उतरना पड़ रहा है, वही चीन में भ्रष्टो के लिए फांसी का कानून रामबाण सिद्ध हो गया है, अब तो कालाधन रखने वाले भी इसी श्रेणी में आ गए है जो की स्वामी रामदेवजी के कारन हुआ.

४-भारत में हर मंत्रालय सिर्फ आयात पर जोर देता है जिससे की कालाधन बनाया ज़ा सके, चीन की सरकार सिर्फ निर्यात पर जोर देकर अकूत विदेशी मुद्रा कमा रही है.आयात को कम करते ज़ा रहे है.

५-भारत में विदेशी कंपनी आती है तो सिर्फ ऑफिस खोलकर बाहर से सामान आयात करके भारत को बाजार बनाते है, निर्यात नहीं करते है जिससे भारत का ही पैसा बाहर ज़ा रहा है, जब की चीन में विदेशी कंपनी आती है, कारखाना लगाती है, चीनियों को रोजगार देती है,चीन का कच्चा माल प्रयोग करती है, सारा सामान चीन से बाहर निर्यात करके अकूत विदेशी मुद्रा चीन को मिलती है.

६-भारत में देशी कंपनियों को प्रताड़ित किया जाता है और उन्हें टैक्स और कानून के शिकंजे में फंसाकर विदेशी कंपनियों को खुश किया जाता है, जब की चीन में सरकार खुद देशी कंपनियों को बताती है किस प्रकार उत्पादन बढ़ाये और निर्यात बढ़ाये, इसके लिए उन्हें विदेशी कानूनों से भी बचाया जाता है. देशी कंपनियों को दुनिया भर की रियायत दी जाती है.

७-भारत में एक ही काम के लिए बीस टैक्स और बीस कानून हैं, चीन में कानून पारदर्शी और अपरिहार्य कानून और टैक्स है जो निर्यात में मदद करते है.

८-भारत में लालफीता शाही घुसखोरी का मुख्य कारण है, चीन में घुस खोरी की सजा फांसी है. हर मर्ज की एक दवा है. सही काम तुरंत होता है, सरकार बाधा के सख्त खिलाफ है.

९-भारत सरकार के ऊपर ३४ लाख करोड़ रुपये का कर्जा है, जब की चीन सरकार अकेले अमेरिका को ही ७५० करोड़ डालर का कर्जा दे रखा है, बाकि का कोई हिसाब नहीं है,

१०-भारत का ४०० लाख करोड़ रूपये का कालाधन ७० विदेशी बैंको में जमा है जो भारत के किसी काम नहीं आ रहा है, जबकि चीन की सरकार ने अन्दर ही अन्दर अपना कालाधन वापस ले लिया है और प्रक्रिया जोर से चालू है. अब तो कालाधन के खातेदरों केलिए भी फांसी की सजा निर्धारित कर दिया है.

११-भारत में गोपनीयता के नाम पर सेना में भारी लूट मची है और सेना की ताकत प्रभावित हो रही है, जब की चीन में फांसी की सजा का प्राविधान होने के कारन सेना भ्रष्टाचार से पूरी तरह मुक्त है.

१२-भारत में अंग्रजी दवा बनाने वाली विदेशी कंपनियों की लूट मची है, चीन में आदि काल से ही आयुर्वेदिक औषधियों को प्राथमिकता दी जाती है.विश्व में सबसे ज्यादा देशी दवाये चीन में प्रयोग की जाती है, भारत दुसरे नंबर पर है जब की चीन में करीब १३५ करोड़ लोग है, भारत में १२१ करोड़. भारत के सबसे ज्ञानवान आयुर्वेदिक पंडित आचार्य बालकृष्ण जी को फर्जी जांच में उलझाया जाता है क्योकि वह रामदेव जी के सहयोगी है.

१३-भारत में सरकार के पास भ्रष्टाचार रोकने की इक्षाशक्ति नहीं है, जब की चीन में हर मर्ज की एक दवा है-"भ्रष्टो को मौत"

१४-भारत में ४५% लोग अशिक्षित है और १% लोग अंगेजी जानते है, चीन में १००%शिक्षा चीनी भाषा में दी जाती है और उनके कम्पुटर भी अंग्रेजी में नहीं, चीनी भाषा में होते है.

१५-भारत में विदेशी घुसपैठिये को वोटर कार्ड दिया जाता है, चीन में विदेशियों को इतनी ताड़ना दी जाती है की कोई वहा गलत तरीके से जाता ही नहीं और गया तो छुप नहीं पाता है, चीन के लिए खतरा बने लोग ऊपर भेज दिए जाते है, भारत में मुक़दमा किया जाता है और बिरयानी खिलाई जाती है.

१६-भारत अपनी जमीन छोड़ देता है और पीछे हटने को बोल दिया जाता है, जबकि चीन औसत हर साल करीब एक जिले के बराबर जमीन कही न कही कब्ज़ा करता है.

१७-भारत में सरकार ने ऐसे व्यवस्था बना दिया है की बच्चों के पालन में ही पूरी उर्जा समाप्त हो जाती है और पूरा परिवार त्रस्त रहता है, जब की चीन सरकार आम जनता को दुनिया भर की रियायत देती है, शिक्षा और सुरक्षा सरकार फ्री में करती है और निर्यातक नीति की वजह से सबको काम दिया जाता है, माता पिता को सिर्फ एक संतान पैदा करने की अनुमति है.

१८-भारत में वोट की राजनीति होती जिसकी वजह से लोकतंत्र को लूटतंत्र में बदल दिया गया है, चीन में सिर्फ यही एक चीज नहीं है इसलिए हमें विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का गौरव मिला हुआ है. भारत में हर कदम वोट को ध्यान में रखकर उठाया जाता है.

"इन्ही सब कारणों से भ्रष्टो को जीने का हक़ नहीं है, उन्हें फांसी होनी ही चाहिए"




शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,
हमारी दुर्दशा का कारण …

हमारे देश का लगभग 400 लाख करोड़ रुपये कालाधन देश-विदेशों में जमा है तथा देश गरीबी, महंगाई व बेरोजगारी आदि समस्याओं से जूझ रहा है। आज पूरा राष्ट्र एक बहुत बड़े संकट के दौर से गुजर रहा है। पूरे देश में त्राहि-त्राहि मची
 हुई है। सभी जाति, वर्ग व सभी मजहबों के लोग भ्रष्ट- व्यवस्था से त्रस्त हैं। देश के 121 करोड़ लोगों में एक बहुत बड़े परिवर्तन के लिए जबरदस्त आक्रोश है। भारत माता के सीने को देश के ही कुछ गद्दारों ने धोखा व विश्वासघात करके लहू-लुहान कर दिया है। ऐसे में करोड़ो देशभक्त नागरिकों के हृदय में जुनून, आक्रोश, शौर्य व स्वाभिमान उमड़ रहा है और उनका खून खौल रहा है। जब कालेधन, भ्रष्टाचार, महंगाई व गरीबी के मुद्दे पर मिस्र, लीबिया व ट्यूनेशिया में प्रलयंकारी परिवर्तन हो सकता है तो भारत में शान्तिपूर्ण व अहिंसक परिवर्तन क्यों नहीं। अब और कितने दिनों तक लुटते रहेंगे तथा गरीबी, भूख व अपमान की जिंदगी जीते रहेंगे। आज जब देश को लूटने में यदि कुछ चंद लोग हैं तो भारत माता की रक्षा के लिए करोड़ों लोगों के खड़े होने की आवश्यकता है।
हमारा देश कमजोर नहीं है, हमारी किस्मत(भाग्य) या कर्म भी खराब नहीं तथा हम अपनी जाति, वर्ग या मजहब के कारण गरीब, अनपढ़ या बेरोजगार नहीं हैं, बल्कि कालाधन, भ्रष्टाचार व भ्रष्ट-व्यवस्था के कारण हमारी व हमारे देश की यह दुर्दशा हुई है।




शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,
नीतिस कुमार, सोनियागांधी, राहुलगाँधी, प्रियंका गाँधी, सरद पवार, ममता बनर्जी, मायावती, मनमोहन सिंह और मुलायम सिंह मिल कर सामूहिक प्रधानमंत्री का चुनाव "नरेन्द्र मोदी" के खिलाफ लड़ेगे फिर भी नरेन्द्र मोदी २०१४ में दो तिहाई बहुमत से सरकार बनायेगे 
भविष्य वाणी २०१४

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कोयला घोटाला मनमोहन सिंह ने नहीं १० जनपथ की डायन अंग्रेजन ने करवाया है, पूरा पैसा भी उसी ने लिया है दुनिया की चौथी अमीर बनने के लिए, और इसका खुलासा भी सी ऐ जी ने उसी डायन के कहने पर किया है प्रधानमंत्री को रास्ते से हटा कर रौल विंसी (गोरे क
ौवे) को प्रधानमंत्री बनाने के लिए, देखते जाइये इस "रोम" राज्य में और क्या क्या होता है..
"कांग्रेस का हाँथ "रोम" राज्य के साथ"
मनमोहन सिंह क्या? घोटाला करेगा,
देस के सारे घोटाले तो सोनिया करवाती 




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स्वामी रामदेव जी जैसे युग द्रष्टा और आचार्य बालकृष्ण जैसे जन कल्याणी लोगो को षड्यंत्र करके परेसान कर, साथ में खड़ी पार्टियो और बिपक्छ को सी बी आई का डर दिखा कर और आम जनता की आँखों में धुल झोक कर घोटालो का रिकार्ड बना रहा नेहरु खानदान और कां
ग्रेस सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि आम आदमी के सब्र का बांध टूटने वाला है जिसदिन आम आदमी सड़क पर आ गया उस दिन भारत तो क्या दुनिया कि कोई ताकत "इंडियन कर्नल गाद्दाफियो" को नहीं बचा पायेगी
आम आदमी




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हे भारत वासिओ तुम इंडियन मतलब जंगली हो तभी तो ४०० सालो तक मुगलों के गुलाम बने रहे २०० सालो तक हमारे भर्तारो (अंग्रेजो) के गुलाम बने रहे और आज मुझ जैसी अंग्रेजन के गुलाम हो मै तुम्हे खा रही हु और पुरे देस को खा जाउंगी मै दुनिया की छठवी ताकतवर और चौथी अमीर बन गई तुम कुत्तो की तरह आपस में लड़ते रहो, तुम गुलाम थे गुलाम हो और गुलाम रहोगे क्युकी तुम्हारी मानसिकता गुलाम है  
तुम मुझ जैसी डायन के तलवे चाटते हो और स्वामी रामदेव जी जैसे लोगो पर लाठिया बरसाते हो गधे भी तुमसे समझदार होते है
मै हु सोनिया डायन तुम्हे तुम्हारी औकात बता रही हु
भारत को गुलाम बनाना मेरा सपना था मैने नेहरु खानदान के लौंडे को अंग्रेजी भोगासन सिखा कर गुलाम बना लिया तुम तो थे ही नेहरु की भेड़ हो गया भारत मेरा गुलाम मै दुनिए की चौथी अमीर हु लेकिन मेरी सम्पत्ति के बारे में पूंछ भी नहीं सकते, पूछने का साहस स्वामी रामदेव जी ने किया था तुमको योग और आयर्वेद सिखाया स्वदेसी का पाठ पढाया मेरा काला धन माँगा पांच सौ नोटिस ठोक दिया पांच हजार सरकारी भारतीय कुत्ते छोड़ दिया उसके उपर और दो सौ संसदीय कुत्ते भोकने के लिए लगा रक्खे है ये सब जानने के बाद भी तुम भारतियो मेरे तलवे चाटोगे और हमें वोट भी दोगे "तुम गुलाम हो" भारत में लोक तंत्र नहीं मेरा तंत्र चलता है  


शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,

बुधवार, 25 जनवरी 2012

जब तक इस देश में नेहरु खानदान का एक भी ब्यक्ति रहेगा तबतक देस नहीं कह सकता अंग्रेज देश छोड़ कर चले गए,

जब तक इस देश में नेहरु खानदान का एक भी ब्यक्ति रहेगा तबतक देस नहीं कह सकता अंग्रेज देश छोड़ कर चले गए, और जबतक देस में एक भी कांग्रेसी रहेगा तबतक देस स्वतंत्र नहीं हो सकता "यह अटल सत्य है" १५ अगस्त और २६ जनवरी तो बस एक दिन है देश की ७० प्रतिसत भूखी, नंगी जनता का उपहास करने के लिए
शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,

शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

यदि अन्नाहजारे और उनके सदस्य, पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में कांग्रेस का सीधे बिरोध नहीं करते तो यह देस के साथ सीधे सीधे वादा खिलाफी होगी

यदि अन्नाहजारे और उनके सदस्य, पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में कांग्रेस का सीधे बिरोध नहीं करते तो यह देस के साथ सीधे सीधे वादा खिलाफी होगी, आम आदमी के साथ धोखा होगा ये बात पूरी तरह से साबित हो जाएगी कि अन्नाहजारे और उनके सदस्य पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो के द्वारा प्रायोजित थे जिसे मै दस महीनो से लिखते आ रहा हूँ
शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,