बुधवार, 28 दिसंबर 2011

अन्ना हजारे जी कम से कम अब तो सही रास्ते पर आ जाइये


अन्ना हजारे जी कम से कम अब तो सही रास्ते पर आ जाइये देस की यही मांग है की आप, बाबारामदेव, सुब्रमनियम स्वामी मिल कर भ्रष्टाचार, कालाधन, और ब्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे को एकजुटता के साथ उठाइए पूरा देस आप के साथ खड़ा रहेगा फिर पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो को कोई नहीं बचा पायेगा ॐ बंदेमातरम जयहिंद 

शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,

मूल मुद्दा बनाम अन्नाहजारे

कांग्रेस संसद में, और अन्ना हजारे आजाद मैदान में जो भी कर रहे है वह पूर्व नियोजित है पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो की योजना ही पुरे देश को लोकपाल जैसे छोटे और हल्के मुद्दे पर उलझा कर रखना जिससे देस की मूल समस्या, सड़ चुकी ब्यवस्था को बदलने का, और कालाधन वापस लाने के बारे में, देस की आवाज को दबाया जा सके लेकिन देस अब जाग चूका है, बहकावे में नहीं आएगा जरुरत है बाबा रामदेव के फिर से और पूरी ताकत से सामने आने की, पूरा देस साथ देगा ॐ बंदेमातरम जयहिंद      
शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,

शनिवार, 24 दिसंबर 2011

१८८५ में पैदा हुई कांग्रेस का इतिहास २०१४ में पूरी तरह से ख़त्म हो जायेगा,

१८८५ में पैदा हुई कांग्रेस का इतिहास २०१४ में पूरी तरह से ख़त्म हो जायेगा, संसद में कांग्रेस लालू जैसे जोकरों को सी बी आई का डर दिखा कर जो कबड्डी करवा रही है इसे जनता भलीभाति देख और समझ रही है, भ्रष्टाचार, कालाधन और ब्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे पर चाहे जितनी भी मिटटी डाले कांग्रेस को सफलता नहीं मिलेगी ॐ जयहिंद बंदेमातरम (शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,)

सोमवार, 19 दिसंबर 2011

"मेरी आवाज सुनो" अन्ना हजारे गद्दार है, गद्दार है, गद्दार है, कांग्रेसी है

पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो की अनब्याहता अर्धांगिनी मीडिया "कालेधन एवं ब्यवस्था परिवर्तन जैसे भीषण और ज्वलंत समस्याओ अर्थात बाबा रामदेव" के साथ सौतेला ब्यवहार करके और अपने अन्नदाता को बचाने की कोशिश करके राष्ट्र एवं राष्ट्रधर्म से गद्दारी कर रही है, मीडिया अपने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ होने का दाइत्व भूल चुकी है, अपने अन्नदाता के इशारे पर अन्नाहजारे जैसे कुटिल आदमी को आसमान पर पहुचाने की कोशिश में लगी हुई है १८५७ और १९४७ की तरह एक बार फिर छल हो रहा है, अन्नाहजारे द्वारा छले जाने के बाद देश का आम आदमी एक बार फिर समग्र क्रांति से हटकर सशस्त्र क्रांति की और यदि निकल पड़ा तो इसके लिए जिम्मेदार लोकतंत्र के दो स्तम्भ (बिधाइका और मीडिया) होंगे इतिहास इन दोनों को कभी माफ नहीं करेगा, कोई माने या न माने मै अपना नागरिक और भारत माता का सच्चा सपूत होने का धर्म जरुर निभाऊंगा एक बार नहीं सौ बार कहूँगा अन्नाहजारे कांग्रेसी है, अन्नाहजारे गद्दार है, गद्दार है, गद्दार है, पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो ने जिसदिन से अन्नाहजारे को मोहरा बना कर बाबारामदेव के पीछे लगाया उसी दिन से मै ये बात कह रहा हु, बाबारामदेव की ऊँगली पकडकर दिल्ली पहुचते ही पीठ में छुरा मारा बाबारामदेव को दिल्ली से हरिद्वार फेकवा दिया खुद कांग्रेस का झुन झुना लोकपाल बिल ले कर अनसन की नौटंकी सुरु कर दिया और जब मीडिया साथ हो तो काहे का रोना दिन को रात और आम का इमली बनना सुरु हो गया, ख़ैर मेरी आवज तो नक्कार खाने में तूती जैसी है फिर भी मै बजाये जा रहा हूँ अपना धर्म निभाए जा रहा हूँ, कहते है सोने वाले को जगाया जा सकता है लेकिन सोने का नाटक करने वाले को नहीं जगाया जा सकता है और मेरा देस भारत तो ६०० साल से सोने का नाटक कर रहा है ये सोच कर की कोई मसीहा आएगा और देस बचाएगा हो रहा है उल्टा, लुटेरे आ रहे है देस लूट रहे है फिर भी देस सो रहा है ॐ बंदेमातरम जयहिंद                          

रविवार, 18 दिसंबर 2011

"अन्ना" नहीं हथियार है, "देस" का गद्दार है,

अब ये बात बिलकुल साफ और साबित हो चुकी है कि कांग्रेस अपने अंतिम चरण की लड़ाई लड़ रही है और अन्नाहजारे सबसे अंतिम मोहरे बन कर कांग्रेस के हांथो एक हथियार कि तरह इस्तेमाल हो रहे है, भ्रष्ट्राचार, कालाधन, ब्यवस्था परिवर्तन जैसे मुद्दों से पूरी तरह से घिर चुकी सरकार लोकपाल बिल रूपी अंग्रेजी दवा के सहारे अन्नाहजारे को सबसे बड़ा डाक्टर साबित करवाने में जुटी है, कभी "हाँ" तो कभी "ना" देस कि जनता कि आँखों में धुल झोकने के लिए है और वैसे भी जितना लम्बा खिचेगा उतना ही महात्मा अन्नाहजारे का भाव बढेगा जो कांग्रेस का मूल मकसद है, अन्नाहजारे कि आड़ में सबकुछ पीछे धकेलना, उधर भारतीय जनता पार्टी सबकुछ जानते और समझते हुए भी अन्नाहजारे को दुधारू गाय होने के भ्रम में सौ सौ लात खा के भी लिपटने कि कोशिश में लगी हुई है देस कि बाकी पार्टियो का भी कमो बेस वही हाल है बहती गंगा में लुटिया डुबो लिया जाय भले ही हाँथ कि लुटिया भी चली जाय, अन्नाहजारे शुद्ध कांग्रेसी है और कांग्रेस के मिसन २०१४ के लिए काम कर रहे है ये बात जनता को जानना बहुत जरुरी है, कांग्रेस २०१४ तक ये भ्रम लोगो में बना कर रखेगी अंत में अन्नाहजारे कांग्रेस के उड़न खटोले मे बैठ लोकपाल का झुन झुना हाँथ में पकड़ कर लोगो से कांग्रेस के लिए वोट मांगेंगे तब क्या करेगा देस का आम आदमी, यु तो अन्ना हजारे कई बार कई मौको पर ये बात दुहरा चुके है कि "यदि कंग्रेस लोकपाल बिल लेकर आती है तो मै कांग्रेस और राहुल के लिए वोट मागुंगा" इसके बाद भी देस का आम आदमी अन्नाहजारे कि हकीकत और गद्दारी को समझने को तैयार क्यों नहीं है, पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो द्वारा संचालित मिडिया अपने आकाओ के निर्देस पर अपनी पूरी ताकत लगा चुकी है अन्नाहजारे को महात्मा बनाने के लिए, ख़ैर पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो के इस खेल को देस के तीन लोग "बाबारामदेव" नरेंद्र मोदी, और सुब्रमनियम स्वामी यदि मिल जाय तो रोक सकते है एसा मेरा मानना है देश हित में येसा करना भी चाहिए ॐ बंदेमातरम जयहिंद                      

शनिवार, 17 दिसंबर 2011

"क्रिकेट" से जुड़े किसी भी ब्यक्ति को भारत रत्न देने का अर्थ "बिग बास" बाला शन्नी लिओन को देना होगा

"क्रिकेट" से जुड़े किसी भी ब्यक्ति को भारत रत्न देने का अर्थ "बिग बास" बाला शन्नी लिओन को देना होगा "क्रिकेट" एक पूर्णतया घटिया ब्यवसाइक, भारतीय गुलामी का प्रतिक, देश के राष्ट्रिय खेल हाकी सहित सभी खेलो का बिनाशक, बिदेसी कम्पनियो का प्रस्तुत कर्ता और तमाम आर्थिक अपराधो की जड़ है इसे खेल कहना किसी भी खेल या फिर खेल भावना की तौहीन होगी, यदि भारतीय क्रिकेट की तुलनात्मक विवेचना की जाय तो शुशील, सुंदर, धनाढ्य, बहुचर्चित पूरी तरह से समर्पित ब्यवसाई "बिग बास" बाला कुमारी शन्नी लिओन से ही की जा सकती है, ख़ैर छोडिये अगर सच कहा जाय तो भारत रत्न के हक़दार सिर्फ तीन छेत्र से होने चाहिए पहला अन्नदाता "किसान", दूसरा सर ढकने को, तन ढकने को देने वाला "मजदूर" और तीसरा देश की रक्छा करने वाला "जवान" पर अफसोस इस देस में इनके बारे में सोचने की किसी को फुरसत ही नहीं है         

मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

"कुमार बिस्वास की पहचान सायद हिन्दू"

"कुमार बिस्वास की पहचान सायद हिन्दू" हिन्दू धर्म को सबसे ज्यादा नुकसान हिन्दुओ ने ही पहुचाया है श्रीमान कुमार बिस्वास आप उन्ही हिन्दुओ में से एक हो आप खुद का और अपने साथ ताली बजाने वालो का डी. एन. ए. परिक्छ्न करवा लो बाप की पहचान तो हो जाएगी कम से कम पता तो चले बोलते बोलते मर्यादाओ का उलंघन किसने सिखाया आगे से धार्मिक मर्यादाओ और प्रतिको पर ऊँगली उठाने से पहले सौ बार सोच लेना वर्ना .... ॐ जयहिंद बंदेमातरम    

सोमवार, 12 दिसंबर 2011

"अन्ना हजारे, पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो, और कांग्रेसियो द्वारा काले धन और ब्यवस्था परिवर्तन जैसे बिशाल मुद्दों को दबाने की साजिस का हथियार है लोकपाल बिल"

"अन्ना हजारे, पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो, और कांग्रेसियो द्वारा काले धन और ब्यवस्था परिवर्तन जैसे बिशाल मुद्दों को दबाने की साजिस का हथियार है लोकपाल बिल" अन्ना हजारे सुरु से ही पूंजीपतियो के मोहरे के रूप में काम कर रहे है, पूरी की पूरी गतिबिधि उसका संचालन, और उसके लिए प्रयोग में आनेवाला धन सभी कुछ पूंजीपतियो द्वारा प्रायोजित है, कल ११ दिसेम्बर के सांकेतिक अनसन में आनेवाले सभी राजनैतिक दलों ने जो भी बोला उनमे उनका "वोट" प्रलोभन तो दीखता था लेकिन सच्चाई नहीं सिर्फ ब्रिंदा करात ने पूंजीपतियो और भ्रष्टाचार का कोना पकड़ कर छोड़ दिया, कांग्रेस लोकपाल बिल के साथ जो भी कर रही है, मानना, मुकरना, लटकाना, दो कदम आगे एक कदम पीछे सब कुछ जान बूझ कर अन्नाहजारे की सहमती से कर रही है, इसके तिन बड़े और तीनो पक्छो को फायदा है, पहला अन्नाहजारे को इस लोकपाल बिल में जितनी नाटक नौटंकी होगी लम्बा खिचेगा उतने ही बड़े महात्मा और बापू कहलायेगे, दूसरा कांग्रेस को अन्ततोगत्वा अन्नाहजारे के समर्थन से "लोलू बाबा युवराज" के ताजपोशी में आसानी होगी, और तीसरा "पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो" को कालेधन और ब्यवस्था परिवर्तन जैसे देस की मूल समस्याओ को पीछे धकेलने में कामयाबी मिल जाएगी, देस फिर कुछ सालो के लिए गुलाम का गुलाम रह जायेगा, मै नहीं जानता की आप मेरी बात को कितना समझ पाते है अगर ठीक लगे तो दुसरो तक भी पहुचाये बस डरता हु कही देर न हो जाये ॐ जयहिंद बंदेमातरम                   

शनिवार, 10 दिसंबर 2011

"अन्ना हजारे की देस से गद्दारी और अवाम से धोका"

अन्ना हजारे जी आज न चाहते हुए भी आपको देस का गद्दार और धोखेबाज कहने को दिल करता है, आपने फिर एक बार रालेगावं से निकलते ही इंदिरा गाँधी से लेकर, राजीव, सोनिया, यहाँ तक की राहुल तक की बिसेस रूप से प्रसंसा की, यदि नेहरु, इंदिरा, राजीव, या फिर कांग्रेसी अच्छे ही होते तो आज आपको रामलीला मैदान में अनसन की लीला क्यों करनी पड़ती, और दिल्ली पहुँच कर तो आपने हद ही कर दी, "आपकी मर्जी का जन लोकपाल बिल पास हो जाता है तो आप अगले चुनाव में राहुल का साथ देगे मतलब प्रधानमंत्री बनवा देगे" तो क्या यही आपकी और कांग्रेस की डील है जिसे पूंजीपतियो ने मिल कर बना रक्खी है, लोकपाल बिल का नाटक अगले संसदीय चुनाव तक चलेगा और ठीक पहले लोकपाल बिल पास हो जायेगा बदले में आप राहुल गाँधी के पच्छ में वोट मांगेंगे तो क्या देस से गद्दारी और अवाम के साथ धोका नहीं होगा, लोकपाल बिल से पहले काला धन और ब्यवस्था परिवर्तन जरुरी है और यही पूंजीपतियो की साजिस है लोकपाल बिल के पीछे "काला धन और ब्यवस्था परिवर्तन" जैसे बड़े गंभीर मुद्दे को धकेलना ॐ जयहिंद बंदेमातरम 

गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

"मुद्दा" १८५७ बनाम "मुद्दा" २०१२ (कालाधन, ब्यवस्था परिवर्तन, भ्रष्टाचार)

आज २०१२ के प्रथम चरण को छूते छूते हम एक बार फिर १८५७ के चौराहे पर आ खड़े हुए है, अंग्रेजो के बंसज "कांग्रेस" अत्त्याचार, भ्रष्टाचार, दुराचार, कुब्य्वस्था का पर्याय बन कर वैसे ही नंगी खड़ी है जैसे उनके पूर्वज "अंग्रेज" १८५७ में खड़े थे, लोगो में रोष ज्वालामुखी के लावे की तरह उबल कर बाहर आने को बेताब था हम, १८५७ में आजाद हो गए होते लेकिन देसी और बिदेसी पूंजीपतियो की गद्दारी भरी साजिश का सिकार हो गए हमारे तत्कालीन जननायक, "मुद्दों" के आधार पर बिखेर कर रख दिया हमारे जननायको को पूंजीपतियो ने, जैसा आज हो रहा है चोर हमारे सामने है, कांग्रेस बड़ी बेहयाई से बेपर्दा बीच चौराहे पर खड़ा हो कर ताल ठोक कर कह रहा है "मै हु चोर" पकड़ना तो दूर अंगुली तो उठाओ, और हमारे जननायक अपना पिछवाडा एक दुसरे की ओर करके हवा में हाँथ लहरा कर आम मजलूमों को बरगलाने में लगे है, नारा है मै हु "नायक", पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो, देसद्रोहियो, के हाँथ तुरुप का एक पत्ता अन्नाहजारे के रूप में लग गया है, ख़ैर छोडिये दो दो बाते सीधे नायको से, बाबा रामदेव - "बाबा जी सही जा रहे हो लगे रहो देस आपके साथ है", सुब्रमनियम स्वामी - "एक अकेला चना भी भाड़ फोड़ सकता है आपने साबित कर दिया बीर तुम बढे चलो हम तुम्हारे साथ है" श्री श्री रविशंकर - "शर्माने से काम नहीं चलेगा अभी नहीं तो कभी नहीं" आशाराम बापू - "सुहाग की सेज से प्रवचन और गोबर पिलाना छोडिये देस खतरे में है हथियार उठाइए देस को आपसे बहुत उम्मीदे है" मुरारी बापू - "राम कृष्ण की कथा कुछ दिनों के लिए छोडिये धनुष ओर सुदर्शन उठाइए आज की पुकार यही है देश की दरकार यही है " महात्मा श्री अन्नाहजारे जी - "आपका मुद्दा देश का मुद्दा हमारा मुद्दा एक नहीं तीन कालाधन, ब्यवस्था परिवर्तन, और भ्रष्टाचार समय रहते सभल जाइये बापू बनने के चक्कर में कही मुलाकात गोडसे से हो गई तो आपतो बापू बन जाओगे लेकिन बापू के रामराज्य के सपने को देशद्रोही फिर एक बार नोटों तक समेट देगे