शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

जो जितना शीतल होता है उतना ही ज्वलनशील "पेट्रोल" से लेकर "परमाणु" तक छू कर देख सकते है"

 मित्रो "मै" इस समय बाबा रामदेव जी के ब्लॉग पर लिखने वालो और पढने वालो से मुखातिब हूँ मै जो भी बाबा के ब्लॉग पर लिखता हूँ वो सिर्फ और सिर्फ सच होता है और तर्क के साथ होता है लेकिन कडवा होता है इसमें मेरी कोई गलती नहीं है "सच तो कडवा होता ही है" और जो यहाँ लिखता हु वही अपने ब्लॉग पर कापी करता हु लेकिन दुर्भाग्य बस मेरा ब्लॉग गूगल वालो ने बंद कर दिया है ((((नमस्‍कार, http://rdmunmohan.blogspot.com/ पर स्थित आपके ब्‍लॉग की समीक्षा और पुष्टिकरण में SPAM के लिए हमारी सेवा शर्तों का उल्‍लंघन हुआ है. शर्तों के अनुपालन में, हमने ब्‍लॉग को निकाल दिया है और उसके URL पर अब अभिगमन नहीं किया जा सकता))) कोई बात नहीं लेखक नदी की एक धार की तरह होता है जब भी बांध लगाने की कोसिस होती है धार एक नई नदी खोद डालता है मैने भी संकल्प लिया है एक साल के अंदर अक्तूबर २०१२ यानि अगली दीपावली से पहले बाबा की सेवा में सिर्फ सच को आवाज देने व् लोगो तक पहुचने के लिए नया "न्यूज चैनल" समर्पित करूँगा और आप सबो का सहयोग रहेगा इसका मुझे पूरा बिस्वास है, धन्यवाद ॐ जयहिंद बंदेमातरम

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

"आपका बहुत बहुत धन्यवाद"