बुधवार, 28 दिसंबर 2011

अन्ना हजारे जी कम से कम अब तो सही रास्ते पर आ जाइये


अन्ना हजारे जी कम से कम अब तो सही रास्ते पर आ जाइये देस की यही मांग है की आप, बाबारामदेव, सुब्रमनियम स्वामी मिल कर भ्रष्टाचार, कालाधन, और ब्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे को एकजुटता के साथ उठाइए पूरा देस आप के साथ खड़ा रहेगा फिर पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो को कोई नहीं बचा पायेगा ॐ बंदेमातरम जयहिंद 

शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,

मूल मुद्दा बनाम अन्नाहजारे

कांग्रेस संसद में, और अन्ना हजारे आजाद मैदान में जो भी कर रहे है वह पूर्व नियोजित है पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो की योजना ही पुरे देश को लोकपाल जैसे छोटे और हल्के मुद्दे पर उलझा कर रखना जिससे देस की मूल समस्या, सड़ चुकी ब्यवस्था को बदलने का, और कालाधन वापस लाने के बारे में, देस की आवाज को दबाया जा सके लेकिन देस अब जाग चूका है, बहकावे में नहीं आएगा जरुरत है बाबा रामदेव के फिर से और पूरी ताकत से सामने आने की, पूरा देस साथ देगा ॐ बंदेमातरम जयहिंद      
शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,

शनिवार, 24 दिसंबर 2011

१८८५ में पैदा हुई कांग्रेस का इतिहास २०१४ में पूरी तरह से ख़त्म हो जायेगा,

१८८५ में पैदा हुई कांग्रेस का इतिहास २०१४ में पूरी तरह से ख़त्म हो जायेगा, संसद में कांग्रेस लालू जैसे जोकरों को सी बी आई का डर दिखा कर जो कबड्डी करवा रही है इसे जनता भलीभाति देख और समझ रही है, भ्रष्टाचार, कालाधन और ब्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे पर चाहे जितनी भी मिटटी डाले कांग्रेस को सफलता नहीं मिलेगी ॐ जयहिंद बंदेमातरम (शम्पूर्ण आजादी, विकेन्द्रित विकासवाद, अध्यात्मिक समाजवाद के लिए समग्र क्रांति ही हमारा लक्छ्य है,)

सोमवार, 19 दिसंबर 2011

"मेरी आवाज सुनो" अन्ना हजारे गद्दार है, गद्दार है, गद्दार है, कांग्रेसी है

पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो की अनब्याहता अर्धांगिनी मीडिया "कालेधन एवं ब्यवस्था परिवर्तन जैसे भीषण और ज्वलंत समस्याओ अर्थात बाबा रामदेव" के साथ सौतेला ब्यवहार करके और अपने अन्नदाता को बचाने की कोशिश करके राष्ट्र एवं राष्ट्रधर्म से गद्दारी कर रही है, मीडिया अपने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ होने का दाइत्व भूल चुकी है, अपने अन्नदाता के इशारे पर अन्नाहजारे जैसे कुटिल आदमी को आसमान पर पहुचाने की कोशिश में लगी हुई है १८५७ और १९४७ की तरह एक बार फिर छल हो रहा है, अन्नाहजारे द्वारा छले जाने के बाद देश का आम आदमी एक बार फिर समग्र क्रांति से हटकर सशस्त्र क्रांति की और यदि निकल पड़ा तो इसके लिए जिम्मेदार लोकतंत्र के दो स्तम्भ (बिधाइका और मीडिया) होंगे इतिहास इन दोनों को कभी माफ नहीं करेगा, कोई माने या न माने मै अपना नागरिक और भारत माता का सच्चा सपूत होने का धर्म जरुर निभाऊंगा एक बार नहीं सौ बार कहूँगा अन्नाहजारे कांग्रेसी है, अन्नाहजारे गद्दार है, गद्दार है, गद्दार है, पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो ने जिसदिन से अन्नाहजारे को मोहरा बना कर बाबारामदेव के पीछे लगाया उसी दिन से मै ये बात कह रहा हु, बाबारामदेव की ऊँगली पकडकर दिल्ली पहुचते ही पीठ में छुरा मारा बाबारामदेव को दिल्ली से हरिद्वार फेकवा दिया खुद कांग्रेस का झुन झुना लोकपाल बिल ले कर अनसन की नौटंकी सुरु कर दिया और जब मीडिया साथ हो तो काहे का रोना दिन को रात और आम का इमली बनना सुरु हो गया, ख़ैर मेरी आवज तो नक्कार खाने में तूती जैसी है फिर भी मै बजाये जा रहा हूँ अपना धर्म निभाए जा रहा हूँ, कहते है सोने वाले को जगाया जा सकता है लेकिन सोने का नाटक करने वाले को नहीं जगाया जा सकता है और मेरा देस भारत तो ६०० साल से सोने का नाटक कर रहा है ये सोच कर की कोई मसीहा आएगा और देस बचाएगा हो रहा है उल्टा, लुटेरे आ रहे है देस लूट रहे है फिर भी देस सो रहा है ॐ बंदेमातरम जयहिंद                          

रविवार, 18 दिसंबर 2011

"अन्ना" नहीं हथियार है, "देस" का गद्दार है,

अब ये बात बिलकुल साफ और साबित हो चुकी है कि कांग्रेस अपने अंतिम चरण की लड़ाई लड़ रही है और अन्नाहजारे सबसे अंतिम मोहरे बन कर कांग्रेस के हांथो एक हथियार कि तरह इस्तेमाल हो रहे है, भ्रष्ट्राचार, कालाधन, ब्यवस्था परिवर्तन जैसे मुद्दों से पूरी तरह से घिर चुकी सरकार लोकपाल बिल रूपी अंग्रेजी दवा के सहारे अन्नाहजारे को सबसे बड़ा डाक्टर साबित करवाने में जुटी है, कभी "हाँ" तो कभी "ना" देस कि जनता कि आँखों में धुल झोकने के लिए है और वैसे भी जितना लम्बा खिचेगा उतना ही महात्मा अन्नाहजारे का भाव बढेगा जो कांग्रेस का मूल मकसद है, अन्नाहजारे कि आड़ में सबकुछ पीछे धकेलना, उधर भारतीय जनता पार्टी सबकुछ जानते और समझते हुए भी अन्नाहजारे को दुधारू गाय होने के भ्रम में सौ सौ लात खा के भी लिपटने कि कोशिश में लगी हुई है देस कि बाकी पार्टियो का भी कमो बेस वही हाल है बहती गंगा में लुटिया डुबो लिया जाय भले ही हाँथ कि लुटिया भी चली जाय, अन्नाहजारे शुद्ध कांग्रेसी है और कांग्रेस के मिसन २०१४ के लिए काम कर रहे है ये बात जनता को जानना बहुत जरुरी है, कांग्रेस २०१४ तक ये भ्रम लोगो में बना कर रखेगी अंत में अन्नाहजारे कांग्रेस के उड़न खटोले मे बैठ लोकपाल का झुन झुना हाँथ में पकड़ कर लोगो से कांग्रेस के लिए वोट मांगेंगे तब क्या करेगा देस का आम आदमी, यु तो अन्ना हजारे कई बार कई मौको पर ये बात दुहरा चुके है कि "यदि कंग्रेस लोकपाल बिल लेकर आती है तो मै कांग्रेस और राहुल के लिए वोट मागुंगा" इसके बाद भी देस का आम आदमी अन्नाहजारे कि हकीकत और गद्दारी को समझने को तैयार क्यों नहीं है, पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो द्वारा संचालित मिडिया अपने आकाओ के निर्देस पर अपनी पूरी ताकत लगा चुकी है अन्नाहजारे को महात्मा बनाने के लिए, ख़ैर पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो और कांग्रेसियो के इस खेल को देस के तीन लोग "बाबारामदेव" नरेंद्र मोदी, और सुब्रमनियम स्वामी यदि मिल जाय तो रोक सकते है एसा मेरा मानना है देश हित में येसा करना भी चाहिए ॐ बंदेमातरम जयहिंद                      

शनिवार, 17 दिसंबर 2011

"क्रिकेट" से जुड़े किसी भी ब्यक्ति को भारत रत्न देने का अर्थ "बिग बास" बाला शन्नी लिओन को देना होगा

"क्रिकेट" से जुड़े किसी भी ब्यक्ति को भारत रत्न देने का अर्थ "बिग बास" बाला शन्नी लिओन को देना होगा "क्रिकेट" एक पूर्णतया घटिया ब्यवसाइक, भारतीय गुलामी का प्रतिक, देश के राष्ट्रिय खेल हाकी सहित सभी खेलो का बिनाशक, बिदेसी कम्पनियो का प्रस्तुत कर्ता और तमाम आर्थिक अपराधो की जड़ है इसे खेल कहना किसी भी खेल या फिर खेल भावना की तौहीन होगी, यदि भारतीय क्रिकेट की तुलनात्मक विवेचना की जाय तो शुशील, सुंदर, धनाढ्य, बहुचर्चित पूरी तरह से समर्पित ब्यवसाई "बिग बास" बाला कुमारी शन्नी लिओन से ही की जा सकती है, ख़ैर छोडिये अगर सच कहा जाय तो भारत रत्न के हक़दार सिर्फ तीन छेत्र से होने चाहिए पहला अन्नदाता "किसान", दूसरा सर ढकने को, तन ढकने को देने वाला "मजदूर" और तीसरा देश की रक्छा करने वाला "जवान" पर अफसोस इस देस में इनके बारे में सोचने की किसी को फुरसत ही नहीं है         

मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

"कुमार बिस्वास की पहचान सायद हिन्दू"

"कुमार बिस्वास की पहचान सायद हिन्दू" हिन्दू धर्म को सबसे ज्यादा नुकसान हिन्दुओ ने ही पहुचाया है श्रीमान कुमार बिस्वास आप उन्ही हिन्दुओ में से एक हो आप खुद का और अपने साथ ताली बजाने वालो का डी. एन. ए. परिक्छ्न करवा लो बाप की पहचान तो हो जाएगी कम से कम पता तो चले बोलते बोलते मर्यादाओ का उलंघन किसने सिखाया आगे से धार्मिक मर्यादाओ और प्रतिको पर ऊँगली उठाने से पहले सौ बार सोच लेना वर्ना .... ॐ जयहिंद बंदेमातरम    

सोमवार, 12 दिसंबर 2011

"अन्ना हजारे, पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो, और कांग्रेसियो द्वारा काले धन और ब्यवस्था परिवर्तन जैसे बिशाल मुद्दों को दबाने की साजिस का हथियार है लोकपाल बिल"

"अन्ना हजारे, पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो, और कांग्रेसियो द्वारा काले धन और ब्यवस्था परिवर्तन जैसे बिशाल मुद्दों को दबाने की साजिस का हथियार है लोकपाल बिल" अन्ना हजारे सुरु से ही पूंजीपतियो के मोहरे के रूप में काम कर रहे है, पूरी की पूरी गतिबिधि उसका संचालन, और उसके लिए प्रयोग में आनेवाला धन सभी कुछ पूंजीपतियो द्वारा प्रायोजित है, कल ११ दिसेम्बर के सांकेतिक अनसन में आनेवाले सभी राजनैतिक दलों ने जो भी बोला उनमे उनका "वोट" प्रलोभन तो दीखता था लेकिन सच्चाई नहीं सिर्फ ब्रिंदा करात ने पूंजीपतियो और भ्रष्टाचार का कोना पकड़ कर छोड़ दिया, कांग्रेस लोकपाल बिल के साथ जो भी कर रही है, मानना, मुकरना, लटकाना, दो कदम आगे एक कदम पीछे सब कुछ जान बूझ कर अन्नाहजारे की सहमती से कर रही है, इसके तिन बड़े और तीनो पक्छो को फायदा है, पहला अन्नाहजारे को इस लोकपाल बिल में जितनी नाटक नौटंकी होगी लम्बा खिचेगा उतने ही बड़े महात्मा और बापू कहलायेगे, दूसरा कांग्रेस को अन्ततोगत्वा अन्नाहजारे के समर्थन से "लोलू बाबा युवराज" के ताजपोशी में आसानी होगी, और तीसरा "पूंजीपतियो, काले धन कुबेरों, देशद्रोहियो, भ्रष्टाचारियो" को कालेधन और ब्यवस्था परिवर्तन जैसे देस की मूल समस्याओ को पीछे धकेलने में कामयाबी मिल जाएगी, देस फिर कुछ सालो के लिए गुलाम का गुलाम रह जायेगा, मै नहीं जानता की आप मेरी बात को कितना समझ पाते है अगर ठीक लगे तो दुसरो तक भी पहुचाये बस डरता हु कही देर न हो जाये ॐ जयहिंद बंदेमातरम                   

शनिवार, 10 दिसंबर 2011

"अन्ना हजारे की देस से गद्दारी और अवाम से धोका"

अन्ना हजारे जी आज न चाहते हुए भी आपको देस का गद्दार और धोखेबाज कहने को दिल करता है, आपने फिर एक बार रालेगावं से निकलते ही इंदिरा गाँधी से लेकर, राजीव, सोनिया, यहाँ तक की राहुल तक की बिसेस रूप से प्रसंसा की, यदि नेहरु, इंदिरा, राजीव, या फिर कांग्रेसी अच्छे ही होते तो आज आपको रामलीला मैदान में अनसन की लीला क्यों करनी पड़ती, और दिल्ली पहुँच कर तो आपने हद ही कर दी, "आपकी मर्जी का जन लोकपाल बिल पास हो जाता है तो आप अगले चुनाव में राहुल का साथ देगे मतलब प्रधानमंत्री बनवा देगे" तो क्या यही आपकी और कांग्रेस की डील है जिसे पूंजीपतियो ने मिल कर बना रक्खी है, लोकपाल बिल का नाटक अगले संसदीय चुनाव तक चलेगा और ठीक पहले लोकपाल बिल पास हो जायेगा बदले में आप राहुल गाँधी के पच्छ में वोट मांगेंगे तो क्या देस से गद्दारी और अवाम के साथ धोका नहीं होगा, लोकपाल बिल से पहले काला धन और ब्यवस्था परिवर्तन जरुरी है और यही पूंजीपतियो की साजिस है लोकपाल बिल के पीछे "काला धन और ब्यवस्था परिवर्तन" जैसे बड़े गंभीर मुद्दे को धकेलना ॐ जयहिंद बंदेमातरम 

गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

"मुद्दा" १८५७ बनाम "मुद्दा" २०१२ (कालाधन, ब्यवस्था परिवर्तन, भ्रष्टाचार)

आज २०१२ के प्रथम चरण को छूते छूते हम एक बार फिर १८५७ के चौराहे पर आ खड़े हुए है, अंग्रेजो के बंसज "कांग्रेस" अत्त्याचार, भ्रष्टाचार, दुराचार, कुब्य्वस्था का पर्याय बन कर वैसे ही नंगी खड़ी है जैसे उनके पूर्वज "अंग्रेज" १८५७ में खड़े थे, लोगो में रोष ज्वालामुखी के लावे की तरह उबल कर बाहर आने को बेताब था हम, १८५७ में आजाद हो गए होते लेकिन देसी और बिदेसी पूंजीपतियो की गद्दारी भरी साजिश का सिकार हो गए हमारे तत्कालीन जननायक, "मुद्दों" के आधार पर बिखेर कर रख दिया हमारे जननायको को पूंजीपतियो ने, जैसा आज हो रहा है चोर हमारे सामने है, कांग्रेस बड़ी बेहयाई से बेपर्दा बीच चौराहे पर खड़ा हो कर ताल ठोक कर कह रहा है "मै हु चोर" पकड़ना तो दूर अंगुली तो उठाओ, और हमारे जननायक अपना पिछवाडा एक दुसरे की ओर करके हवा में हाँथ लहरा कर आम मजलूमों को बरगलाने में लगे है, नारा है मै हु "नायक", पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो, देसद्रोहियो, के हाँथ तुरुप का एक पत्ता अन्नाहजारे के रूप में लग गया है, ख़ैर छोडिये दो दो बाते सीधे नायको से, बाबा रामदेव - "बाबा जी सही जा रहे हो लगे रहो देस आपके साथ है", सुब्रमनियम स्वामी - "एक अकेला चना भी भाड़ फोड़ सकता है आपने साबित कर दिया बीर तुम बढे चलो हम तुम्हारे साथ है" श्री श्री रविशंकर - "शर्माने से काम नहीं चलेगा अभी नहीं तो कभी नहीं" आशाराम बापू - "सुहाग की सेज से प्रवचन और गोबर पिलाना छोडिये देस खतरे में है हथियार उठाइए देस को आपसे बहुत उम्मीदे है" मुरारी बापू - "राम कृष्ण की कथा कुछ दिनों के लिए छोडिये धनुष ओर सुदर्शन उठाइए आज की पुकार यही है देश की दरकार यही है " महात्मा श्री अन्नाहजारे जी - "आपका मुद्दा देश का मुद्दा हमारा मुद्दा एक नहीं तीन कालाधन, ब्यवस्था परिवर्तन, और भ्रष्टाचार समय रहते सभल जाइये बापू बनने के चक्कर में कही मुलाकात गोडसे से हो गई तो आपतो बापू बन जाओगे लेकिन बापू के रामराज्य के सपने को देशद्रोही फिर एक बार नोटों तक समेट देगे                      

सोमवार, 28 नवंबर 2011

पञ्च तत्व का आत्मविलय और बिघटन दोनों ही सत्य है

मेरे पूज्य पिता का देहावसान २३ नवम्बर को होने के कारण ३० नवम्बर से लेकर ७ दिसम्बर तक उत्तेर प्रदेश अपने गावं में रहूँगा तबतक के लिए अपने शुभ चिंतको से छमा चाहता हूँ अगला सम्पर्क ७ दिसम्बर के बाद होगा

शनिवार, 26 नवंबर 2011

पेप्सी, कोकाकोला और वाल मार्ट जैसी कम्पनिया कोई और नहीं भारतीय कालेधन कुबेरों, पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो की नाजायज सम्पत्ति, बेनामी दौलत, या यु कहे कि भारत का ही लुटा हुआ काल धन है

पूर्व काल में भी तत्कालीन धनाढ्यो एवं अविवेकशील राजाओ द्वारा "इस्ट इंडिया कंपनी" बुलाई गई थी, आई नहीं थी, कालान्तर में "इस्ट इंडिया कंपनी" देस की गुलामी का कारण बनी, हम आज तक उस गुलामी से आजाद होने के लिए संघर्ष कर रहे है, पेप्सी, कोकाकोला जैसी कम्पनिया हमें बीमार करने में पहले से ही लगी हुई थी अब "वाल मार्ट" जैसी कम्पनिया हमारे नमक रोटी पर हमला करने के लिए बुलाई जा रही है, दरअसल पेप्सी, कोकाकोला और वाल मार्ट जैसी कम्पनिया कोई और नहीं भारतीय कालेधन कुबेरों, पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो की नाजायज सम्पत्ति, बेनामी दौलत, या यु कहे कि भारत का ही लुटा हुआ काल धन है, अब ये देस को तय करना होगा कि इन्हें आने से रोके या आने के बाद कब्जा करे..???..ॐ बन्दे मातरम जय हिंद

"इतिहास जानता है कि चाणक्य कभी सहीद नहीं होते क्युकी उन्हें चन्द्रगुप्त का निर्माण करना होता है, धैर्य रखिये जल्द ही चन्द्रगुप्त भी सामने आएगा"

अन्नाहजारे जैसे धोखेबाज और गद्दार की तुलना युग पुरुष बाबा रामदेव से कभी नहीं की जा सकती, अन्ना हजारे भ्रष्टाचारियो, पूंजीपतियो, कालेधनकुबेरो और कांग्रेसियो के प्रायोजित मोहरे है, उनको सुरक्छा दी गई है, और बाबा रामदेव को जान से मारने की कोशिश की गई थी, अन्ना हजारे को बारह बजे दिन गिरफ्तारी का नाटक किया गया था क्युकी अधिक से अधिक प्रचार हो, बाबा रामदेव पर बारह बजे रात में हमला हुआ था क्युकी जान से मार देना चाहते थे, अन्ना हजारे को रामलीला मैदान जिन्होंने सजा के दिया था, उन्हीने रामलीला मैदान आधीरात को हमला करके सोते हुए निर्दोशो पर जुल्म ढाकर खाली करवा लिया था, अन्नाहजारे बाबारामदेव की ऊँगली पकड़ के दिल्ली आये थे लेकिन बाबा की पीठ में छुरा मारकर कांग्रेस की साजिस में सामिल हो गए, बाबारामदेव पांच साल से गली गली गाव गाव जाकर अलख जगा रहे है, और आज भी लगे हुए है, वो मिडिया को नहीं दिखाई देता लेकिन "अन्ना बाथरूम के अंदर" "अन्ना का बैल(अरविन्द) हरियाणा में" "अन्ना की गाय(किरण) पंजाब में" "अन्ना का गधा(प्रसान्त) कश्मीर में" दिखाई देता है, अन्नाहजारे ने किया क्या है देश के लिए अब तक धोके के सिवा और आज भी वही कर रहे है, रालेगावं को "रहट" चला कर पानी पिला रहे है, जो की आज गली नुक्कड़ के हर छुटभैये नेता से लेकर कांग्रेसियो के धुरन्धरो तक यही तो कर रहे है, "इतिहास जानता है कि चाणक्य कभी सहीद नहीं होते क्युकी उन्हें चन्द्रगुप्त का निर्माण करना होता है, धैर्य रखिये जल्द ही चन्द्रगुप्त भी सामने आएगा", बाबारामदेव की तुलना अन्नाहजारे जैसो से करना सूरज को दिया  दिखने के बराबर है, और अंतिम बात "अहिंसा वादी महात्मा गाँधी ने लंगोट से नोट तक का सफर लाखो बेगुनाह लासो से गुजर कर किया था, अब अहिंसा वादी महात्मा अन्ना हजारे भी कुछ येसा ही गुल खिलायेगे राष्ट्रपति भवन तक पहुचने के लिए...ॐ बन्दे मातरम जयहिंद

शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

"सरद पावर जैसे सीधे आदमी के सीधे मुह पर टेढ़े आदमी का टेढ़ा थप्पड़"

सरद पवार को एक सिरफिरे ने "थप्पड़" मारा आपका क्या कहना है इस बारे में, जब पत्रकार ने अन्नाहजारे से उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो अन्ना हजारे ने उल्टा सवाल कर दिया "बस एक"? और यही उनका जबाब भी था, जिसे आप चाहे तो २०११ की अंतिम मसखरी का नाम दे सकते है ॐ जयहिंद बंब्दे मातरम       

पेप्सी, कोकाकोला और वाल मार्ट जैसी कम्पनिया कोई और नहीं भारतीय कालेधन कुबेरों, पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो की नाजायज सम्पत्ति, बेनामी दौलत, या यु कहे कि भारत का ही लुटा हुआ काल धन है

पूर्व काल में भी तत्कालीन धनाढ्यो एवं अविवेकशील राजाओ द्वारा "इस्ट इंडिया कंपनी" बुलाई गई थी, आई नहीं थी, कालान्तर में "इस्ट इंडिया कंपनी" देस की गुलामी का कारण बनी, हम आज तक उस गुलामी से आजाद होने के लिए संघर्ष कर रहे है, पेप्सी, कोकाकोला जैसी कम्पनिया हमें बीमार करने में पहले से ही लगी हुई थी अब "वाल मार्ट" जैसी कम्पनिया हमारे नमक रोटी पर हमला करने के लिए बुलाई जा रही है, दरअसल पेप्सी, कोकाकोला और वाल मार्ट जैसी कम्पनिया कोई और नहीं भारतीय कालेधन कुबेरों, पूंजीपतियो, भ्रष्टाचारियो की नाजायज सम्पत्ति, बेनामी दौलत, या यु कहे कि भारत का ही लुटा हुआ काल धन है, अब ये देस को तय करना होगा कि इन्हें आने से रोके या आने के बाद कब्जा करे..???..ॐ बन्दे मातरम जय हिंद             

गुरुवार, 24 नवंबर 2011

कालेधन कुबेर, देशद्रोही, भ्रष्टाचारियो की सजा सिर्फ और सिर्फ "मौत" है


कालेधन कुबेर, देशद्रोही, भ्रष्टाचारियो द्वारा बिदेसी बैंको में पैसा जमा करना सिर्फ एक आर्थिक अपराध नहीं है, देस का धन बिदेसो में छुपा कर रखने वाले चोर नहीं बल्कि कातिल है, ये हत्यारे देस के लाखो किसानो को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किये है, ये कातिल गरीबी, बदहाली, मजबूरी, लाचारी के हथियार से करोडो लोग का क़त्ल किये है, ये देशद्रोही देस की हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी मौतों के लिए जिम्मेदार है, ये देशद्रोही देस का धन लूटकर बिदेसो में जमा करके जो भयानक अपराध किया है उसकी सजा सिर्फ और सिर्फ "मौत" है, अगर भारतीय लोकतंत्र इन देसद्रोहियो को सजा देने में नाकाम होता है, तो देस की मजलूम जनता लीबिया की तर्ज पर इन "गद्दाफियो" को सजा दे तो कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा ॐ जयहिंद बंदेमातरम

बुधवार, 23 नवंबर 2011

"अहिंसा वादी महात्मा गाँधी ने लंगोटी से नोटों तक का सफर लाखो बेगुनाह लासो से गुजर कर किया था, अब अहिंसा वादी महात्मा अन्ना हजारे भी कुछ येसा ही गुल खिलायेगे राष्ट्रपति भवन तक पहुचने के लिए

कमलेश उपाध्याय आपके जोश की और उबलते हुए कुछ कर गुजरने की ललक को समझते हुए हम आपकी कद्र करते है लेकिन अन्नाहजारे जैसे धोखेबाज और गद्दार की तुलना युग पुरुष बाबा रामदेव से कभी नहीं की जा सकती, अन्ना हजारे भ्रष्टाचारियो, पूंजीपतियो, कालेधनकुबेरो और कांग्रेसियो के प्रायोजित आदमी है उनको सुरक्छा दी गई है और बाबा रामदेव को जान मारने की कोशिश की गई थी, अन्ना हजारे को बारह बजे दिन गिरफ्तारी का नाटक किया गया था क्युकी अधिक से अधिक प्रचार हो, बाबा रामदेव पर बारह बजे रात में हमला हुआ था क्युकी जान से मार देना चाहते थे, अन्ना हजारे को रामलीला मैदान जिन्होंने सजा के दिया था उन्हीने रामलीला मैदान आधीरात को हमला करके सोते हुए निर्दोशो पर जुल्म ढाकर खाली करवा लिया था, अन्नाहजारे बाबारामदेव की ऊँगली पकड़ के दिल्ली आये थे लेकिन बाबा की पीठ में छुरा मारकर कांग्रेस की साजिस में सामिल हो गए, बाबारामदेव पांच साल से गली गली गाव गाव जाकर अलख जगा रहे है, और आज भी लगे हुए है, वो मिडिया को नहीं दिखाई देता लेकिन "अन्ना बाथरूम के अंदर" "अन्ना का बैल हरियाणा में" "अन्ना की गाय पंजाब में" "अन्ना का गधा कश्मीर में" दिखाई देता है, अन्नाहजारे ने किया क्या है देश के लिए धोके के सिवा और आज भी वही कर रहे, रालेगावं को "रहट" चला कर पानी पिलाया है जो की आज गली नुक्कड़ के हर छुटभैये नेता से लेकर कांग्रेसियो के धुरन्धरो तक यही तो कर रहे है, रही बात पलायन की तो याद रहे चाणक्य कभी सहीद नहीं होते क्युकी  उन्हें चन्द्रगुप्त का निर्माण करना होता है, "धैर्य रखिये जल्द ही चन्द्रगुप्त भी बहार आएगा" दुबारा फिर कभी बाबारामदेव की तुलना अन्नाहजारे जैसो से मत करना और अंतिम बात "अहिंसा वादी महात्मा गाँधी ने लंगोटी से नोटों तक का सफर लाखो बेगुनाह लासो से गुजर कर किया था, अब अहिंसा वादी महात्मा अन्ना हजारे भी कुछ येसा ही गुल खिलायेगे राष्ट्रपति भवन तक पहुचने के लिए...ॐ बन्दे मातरम जयहिंद                                                  

सोमवार, 21 नवंबर 2011

"अन्नाहजारे और कांग्रेस मिलकर फिर लुटेगे देश(अगले सौ साल तक)"

"गाँधीवादी" अन्नाहजारे को गाँधी नम्बर दो बनाने का खेल भ्रष्टाचारियो, पूंजीपतियो, कालेधनकुबेरो द्वारा खेला जा रहा है, लेकिन संघ और भाजपा बेवजह "मान न मान मै तेरा मेहमान" बनने की कोशिश में लगी है और अभी से २०१४ की ताजपोशी के मुगेरी लाल के सपने बुनने में लग गई है, पर सच तो ये है कि अन्नाहजारे कांग्रेस के लिए काम कर रहे है, अन्ततोगत्वा कांग्रेस लोकपाल बिल का झुन झुना अन्नाहजारे गाँधी नम्बर दो के हाँथ में थम्हा कर उडनखटोले में बैठाकर गावं गावं गली गली घुमाकर वोट मंगवाएगी, नारा होगा "गाँधी (नंबर दो) और कांग्रेस, मिलकर फिर लुटेगे देश" अगले सौ साल तक ..ॐ बंदेमातरम जय हिंद                

शनिवार, 19 नवंबर 2011

देस पर पड़ेगा भारी" अन्ना हजारे कि गद्दारी,



"गाँधी" का दर्शन, रामराज्य की परिकल्पना स्वराज्य, स्वदेसी, सुशासन से ओत प्रोत था पर उनकी भूमिकाये और उनका निर्णय उनके खुद के दर्शन से कोसो दूर था, गाँधी द्वारा दिया गया अहिंसा का दर्शन तो जैसे देश के लिए अभिशाप और पूंजीपतियो के लिए बरदान साबित हुआ, पूंजीपतियो से मेरा मतलब अंग्रेजी सल्तनत और देसी धनपतियो से है, गाँधी के विवेकहीन निर्णयों के परिणामस्वरूप देस को ६४ साल की बर्तमान गुलामी उपहार स्वरुप मिली है और इसके लिए अकेले गाँधी कि हि जिम्मेदारी होती है, क्यों कि १९१५ से लेकन १९४७ तक तो देस को "अहिंसावाद" शब्द से अपाहिज कर देने का श्रेय उनको हि जाता है, आज भी गाँधीवादी अहिंसा का इस्तेमाल बिस्व के दुसरे देस हमको गाँधी के तिन बन्दर बनाने के लिए हि करते है उदाहरण के लिए यूरोपीय देसों का ब्यवहार इराक, लीबिया, अफगानिस्तान इत्यादि के मामलो में देखा जा सकता है, यहाँ सवाल गड़े मुर्दे उखाड़ने का नहीं है, बल्कि १९१५ से १९४७ के इतिहास कि पुनराब्रित्ति का है, एक बार फिर एक नासमझ गाँधीवादी अन्ना हजारे को हथियार बनाकर देसी बिदेसी पूंजीवादी पूंजीपतियो ने साजिस के तहत देस को गाँधी के तिन बन्दर बनाने कि कोशिश में लगे हुए है और कुछ हद तक सफल भी हुए है क्युकी सुचना तंत्र आज भी उनके हि हाथ में है, बड़े दुःख के साथ ये लिखना पड़ रहा है कि देश ९५ साल पहले पूर्णतया (वास्तविक आजादी) आजाद हो गया होता काश? देश में गाँधी न होते, ख़ैर देश फिर एक बार ९५ साल पहले के चौराहे पर खड़ा है इस बार भी देसी बिदेसी पूंजीपतियो का हथियार है सुचना तंत्र और मोहरे बने है "गाँधीवादी अन्नाहजारे", पांच साल के अथक परिश्रम से बाबा रामदेव ने घर घर जाकर जन जागरण कर अभियान चलाकर पुरे देस को कालेधन, ब्यवस्था परिवर्तन और भ्रष्टाचार के बारे अलख जगाकर उठाया तो देसी बिदेसी पूंजीपतियो ने अपने अंजाम से बौखला कर तुरुप के पत्ते कि तरह अन्नाहजारे को आगे कर दिया खुद को बचाने के लिए, सायद अन्नाहजारे को लगता हो कि वो सही काम कर रहे है लेकिन देस को डरना चाहिए अगले सौ साल कि गुलामी से जिसके लिए एक मात्र गाँधी कि तरह अन्न्हाजारे जिम्मेदार होगे, लोकपाल बिल भले हि देस को सुधारने के लिए हो लेकिन कालाधन और ब्यवस्था परिवर्तन देश को उठ खड़ा होने के लिए है, यदि देस उठ कर खड़ा हि नहीं होगा तो जमीन पर पड़े पड़े सुधर कर क्या करेगा इतनी छोटी सी बात अन्नाहजारे नहीं समझ रहे है एसा देस नहीं मान सकता इससे बात साफ है कि अन्नाहजारे देश से जानबूझ कर धोका कर रहे है, ब्यक्तित्ववादी मह्त्वाकांछा कि भूख मिटाने के लिए देस से गद्दारी कर रहे है यदि मेरे आरोप गलत है तो अन्नाहजारे जबाब दे, या फिर कालाधन, ब्यवस्था परिवर्तन के साथ लोकपाल बिल का मामला उठाये..ॐ जयहिंद बंदेमातरम

मंगलवार, 15 नवंबर 2011

"शर्म आने की जगह गुस्सा आता है (raul vinci) राहुल गाँधी को" क्यों?

"शर्म आने की जगह गुस्सा आता है (raul vinci) राहुल गाँधी को" क्यों? गोरो ने हम भारतीयों को हमेसा भिखारी ही समझा, आज भी यही समझते है, तुमने भी भारतीयों को भिखारी कहकर साबित कर दिया की तुम भी गोरे हो ये बात देस अच्छी तरह जनता है, "ये सच है की हम मजदूर है जिस पर हमें गर्व है पर भिखारी नहीं, फिर भी हमारे आज के लिए "गाँधी", तुम्हारा खानदान, और कुछ चोर कांग्रेसी जिम्मेदार है, इस बात पर तो शर्म आनी चाहिए आपको, गुस्सा क्यों? और हाँ जिस दिन हम भारतीय अपने पैसे (चोरो द्वारा बिदेसो में छिपाया कला धन) लेने में कामयाब हो गए तो गोरो के हाथ में बस कटोरा ही बचेगा जो आज नहीं कल तो होना हि है..ॐ बन्दे मातरम जय हिंद                     

शनिवार, 12 नवंबर 2011

भारतीय जनता पार्टी के लिए बिहार में कमजोर "लोकायुक्त"

भारतीय जनता पार्टी के लिए बिहार में कमजोर "लोकायुक्त" के मुद्दे पर नीतिस कुमार के स्वयम्भू निर्णय पर नीतिस कुमार को सबक सिखाने का, खुद को भ्रष्टाचार बिरोधी देश भक्त साबित करने का और अन्नाहजारे के न चाहते हुए भी उनकी नौटंकी का लाभ उठाने का इससे अच्चा मौका नहीं मिलेगा "एक तीर से तीन सिकार" यैसे मौके बार बार नहीं आते ॐ बंदेमातरम  

भारतीय जनता पार्टी के लिए बिहार में कमजोर "लोकायुक्त"

भारतीय जनता पार्टी के लिए बिहार में कमजोर "लोकायुक्त" के मुद्दे पर नीतिस कुमार के स्वयम्भू निर्णय पर नीतिस कुमार को सबक सिखाने का, खुद को भ्रष्टाचार बिरोधी देश भक्त साबित करने का और अन्नाहजारे के न चाहते हुए भी उनकी नौटंकी का लाभ उठाने का इससे अच्चा मौका नहीं मिलेगा "एक तीर से तीन सिकार" यैसे मौके बार बार नहीं आते ॐ बंदेमातरम  

बुधवार, 9 नवंबर 2011

स्वामी अग्निवेस की सही जगह "बिगबोस"

स्वामी अग्निवेस की सही जगह "बिगबोस"(bigbos) ही है भाटीनो के बीच, लेकिन मंडली मालिक अन्नाहजारे तथा बाकी के गुरुभाई अरविन्द, सिस्योदिया, किरण, और प्रसान्त भी साथ हो तो देस का भला न सही मनोरंजन तो होता...ॐ बंदेमातरम     

शनिवार, 5 नवंबर 2011

"अन्नाहजारे देश से "धोका" और "गद्दारी" कर रहे है"

अन्नाहजारे कांग्रेस से सासबहू का तूतू मैमै और देस के साथ धोका कर रहे है यह धोका ठीक वैसा ही है जैसा १९४७ में कांग्रेस का अंग्रेजो के साथ सासबहू का तूतू मैमै और देस के साथ धोका किया था "ब्यवस्था का हस्तांतरण" (Transfer of power) के जरिये आजादी को मान कर वैसे तो देस के क़त्ल से लेकर ६४ साल की गुलामी तक बहुत से दुष्परिणाम निकले उस एतिहासिक भूल से, लेकिन अन्नाहजारे की आज के "धोके" और "गद्दारी" का दुष्परिणाम उससे भी भयानक होगा अगले सौ सालो तक फिर कटोरा लेकर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में घूमता फिरेगा भारत अपनी छोटी से छोटी जरूरतों के लिए सर्वोपरी होने का भारत का सपना मिटटी में मिल जायेगा, देसी और बिदेसी पूंजीपतियो के मोहरे है अन्नाहजारे और इस बात को मै कही भी और कभी भी साबित कर सकता हूँ, अगर अन्नाहजारे मुझ जैसे आम आदमी का जबाब देने की जरुरत नहीं समझते या समय नहीं निकालते तो उन्हें प्रधानमंत्री से सवाल पूछने का हक़ किसने दिया और अगर पूंजीपतियो की नुमाइन्दगी करनी ही है तो देश के आम आदमी की आँखों में धुल क्यों झोक रहे है...ॐ बंदेमातरम जय हिंद

बुधवार, 2 नवंबर 2011

श्रीमान अन्नाहजारे जी सादर प्रणाम

श्रीमान अन्नाहजारे जी सादर प्रणाम, आप हमेसा पत्र लिखते ही रहते है खास करके प्रधानमंत्री जी को लिखने को तो प्रधानमंत्री जी को मै भी पत्र लिख सकता हूँ भले ही आम आदमी हूँ, लेकिन जानता हु मनमोहन सिंग जी जब अपने दिल की ही आवाज नहीं सुन पाते तो आपकी या हमारी आवाज क्या सुनेगे, फिर मैने आपको ही लिखना उचित समझा क्युकी आखिर में आप तो महात्मा बन ही गए जो आपकी सबसे बड़ी ख्वाहिस थी और आज नहीं तो कल "राष्ट्र भ्राता" और भारत रत्न बन जायेगे देस के  राष्ट्रपती भी बन जायेगे, आपने अच्छी गठजोड़ बना रक्खी है पूंजीपतियो और कांग्रेसियो से, दिग्बिजय सिंह जैसे जोकरों से तो यु ही ठिठोली करते रहते है देश की आम जानता को उल्लू बनाने के लिए, पूंजीपतियो के पालतू ,,,,, डुग डुगी मिडिया जो अभी "अन्ना बाथरूम के अंदर" "अन्ना का बैल हरियाणा में" "अन्ना की गाय पंजाब में" "अन्ना का गधा कश्मीर में" दिखा कर देश को पका रही है क्यों? ये आप भी जानते है और पूंजीपती भी, कुछ कुछ हम भी, माफ कीजियेगा मै आपको ही आपके बारे में बताने लगा, मै तो आपको पत्र लिख रहा हूँ, जैसा की आपने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में लिखा है की मजबूत जन लोकपाल बिल पास होने से ६०% भ्रष्टाचार मिट जायेगा, बस इतनी सी बात पे पूंजीपतियो के भांट(मिडिया) आपको "महात्मा" "दुसरे गाँधी" और न जाने क्या क्या साबित करने पर तुले हुए है ख़ैर मेरा सवाल आपसे है क्या? मजबूत जन लोकपाल बिल पास होने पर कांग्रेस के लिए वोट मागेगे??? जबकि एसा करने के लिए आप अपना मुह मिडिया के सामने फाड़ चुके है की यदि शीतकालीन सत्र में कांग्रेस मजबूत जन लोकपाल बिल पास करवा देती है तो कांग्रेस के लिए वोट मागेगे, येसा आप कैसे कर सकते है ??? क्या? कांग्रेस के लिए वोट मांगना देस के साथ धोका नहीं होगा ??? महात्मा अन्ना हजारे यदि मजबूत जन लोकपाल बिल पास हो गया तो आप किसके साथ धोका करेगे "देस" या "कांग्रेस" ??? एक न एक के साथ तो आपको धोका करना ही पड़ेगा, महात्मा अन्ना हजारे जहाँ देश में यह माहौल है कि यदि कांग्रेस काले धन, ब्यवस्था परिवर्तन और लोकपाल बिल तीनो मुद्दों का हल एक साथ निकाल ले तो भी २०१४ में कांग्रेस कि पुरे देस में जमानत नहीं बचनी चाहिए, वही आप कांग्रेस के लिए वोट मागने कि बात करके देस कि आँखों में धुल झोक रहे है, रही बात लोकपाल बिल की तो यदि १००, ५००, १०००, की नोट बंद कर दिया जाय और वापस ले लिया जाय तो ७०% भ्रष्टाचार ख़त्म हो जायेगा, ४०% घरेलु काला धन बाहर आ जायेगा और ३०% अपराध(नकली नोटों से लेकर क़त्ल तक) ख़त्म हो जायेगा फिर लोकपाल बिल ही क्यों ??? महात्मा अन्नाहजारे कही लोकपाल बिल से पूंजीपतियो को बचाने की कोसिस तो नहीं कर रहे है आप ??? क्युकी लोकपाल बिल से पूंजीपतियो का एक पैसे का नुकसान नहीं होगा उल्टा फायदा होगा सरकारी दफ्तरों में काम के एवज में घुस देने से बच जायेगे तो क्या? ये सच नहीं है की लोकपाल बिल का खेल आप पूंजीपतियो के इशारे पर तो नहीं कर रहे है और इसी लिए पूंजीपतियो के भांट(मिडिया) आपको सर पे बिठा रक्खा है ??? क्या? आपने बाबारामदेव से दूरी पूंजीपतियो के कहने पर ही बना रक्खी है, कालेधन और ब्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे से सीधा नुकसान पूंजीपतियो या नेतागिरी से बने पूंजीपतियो का होगा जिसके कारण पूंजीपती और चोर नेता बाबा रामदेव को मिटा देना चाहते है और आप भी पर्दे के पीछे से उनका साथ दे रहे है ??? क्या? आपके आन्दोलन को देसी और बिदेसी दोनों पूंजीपतियो द्वारा पैसा मिल रहा है ??? आर यस यस को आप क्या समझते है देशद्रोही या देशभक्त ??? यदि देशभक्त मानते है तो साथ खड़े होने में आना कानी कैसी और यदि देशद्रोही मानते है तो राष्ट्र भक्त कौन है "कांग्रेस" ???     भारत की जनता भेडचाल में बिस्वास रखती है जिसके चलते ४०० साल तक मुट्ठी भर मुग़ल और गिनती के गोरे गुलाम बनाकर रखने में सफल हो गए, कालांतर में "गाँधी" कांग्रेस, पूंजीपति और अंग्रेज मिलकर देस का क़त्ल कर दिया और ६४ साल की बर्तमान गुलामी सौगात में दे दी अब वही काम आप कर रहे है "देसी बिदेसी पूंजीपतियो" काले धनपतियो" और कांग्रेसियो से मिलकर सैकड़ो साल की गुलामी फिर देस को देना चाहते है क्यों ??? सदीओ में एक बार ही कोई रामदेव जैसा युगपुरुष अवतरित होता है जो देस को पूर्ण आजादी दिलाने के लिए तन मन धन से काले धन, भ्रष्टाचार और ब्यवस्था परिवर्तन को मुद्दा बनाकर लड़ाई छेड़ रक्खी है लेकिन बीच में आप अपने आकाओ के इशारे पर कालीबिल्ली की तरह रास्ता काट कर लोकपाल जैसा मुद्दा लेकर देस को गुमराह करने में लगे है, यदि आप में जरा सी भी राष्ट्रभक्ति है तो काले धन, भ्रष्टाचार और ब्यवस्था परिवर्तन जैसे तीनो मुद्दों पर साथ आगे बढिए या रास्ते से हट जाइये, राले गावं में "रहट" चलाइए लोगो को पानी पिलाइए, अन्नाहजारे जी ब्यक्तित्ववादी इन्सान अपनी महत्वाकान्छाओ से इतना ग्रसित होता है की न जाने कब आम इंसानों के अरमानो को कुचल कर आगे निकल जाता है उसे भी पता नहीं चलता एसा आपके गुरु "गाँधी" ने भी किया था और अब आप भी उसी रास्ते पर है, मेरी बाते आपको कडवी लगती होगी लेकिन सच जो है कडवी तो होगी ही, अन्नाहजारे जी अपने दिल पर हाँथ रख कर अपने जमीर को जगाइए और मेरे इस पत्र का जबाब दीजिये फिर प्रधानमंत्री के जबाब का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, ॐ बन्दे मातरम, जयहिंद 

मंगलवार, 1 नवंबर 2011

धन्यवाद

प्रिय ब्रिन्दावन जी नमस्कार और आपको धन्यवाद इसलिए नहीं की आपने मेरे लेख की प्रसंसा की बल्कि इसलिए की आपने बखूबी लेख में लिखे तत्व को भली भाति समझा जिस तरह गाँधी की गलतियो के बोझ तले हम ६५ साल से दबे हुए है उसी तरह अगले पचास साल अन्नाहजारे की गलतियो को ढोते रह जाय इस लिए देस को ये समझाना जरुरी है की भ्रष्टाचारियो, अत्याचारियो, दलालों, देशद्रोहियो, पूंजीपतियो, पूंजीवादियो, काले धनकुबेरो, लुटेरो से ज्यादा खतरनाक अन्नाहजारे है हमारी आजादी की लड़ाई के लिए ॐ जहिंद बंदेमातरम  

सोमवार, 31 अक्तूबर 2011

"अन्नाहजारे पूंजीपतियो के बकरे"

रावण मृत्यु लोक में अहिरावण पाताल लोक में रहता था कहते है दोनों का स्वरूप, प्रबित्ती और आचरण एक जैसा था, दोनों में फर्क बस इतना था की रावण सामने था लोगो को दिखाई देता था अहिरावण लोगो को दिखाई नहीं देता था विलुप्त था, आज दोनों हमारे सामने समाज में मौजूद होते हुए भी आम आदमी रावण को तो कुछ कुछ पहचानने लगा है लेकिन अहिरावण को पहचानने में आज भी भूल कर रहा है जबकि रावण से ज्यादा घातक अहिरावण है ख़ैर ये तो थे अन्याय के प्रतीक, अब मुद्दे की बात पर आते है, भ्रष्टाचारियो, अत्याचारियो, दलालों, देशद्रोहियो, पूंजीपतियो, पूंजीवादियो, काले धनकुबेरो और लुटेरो को हम दो भागो में बांटे तो "रावण" के स्वरूप में लोकतंत्र के चारो स्तंभों में से बिधाइका के कुछ भ्रष्ट "नेता" और कार्यपालिका, न्यायपालिका और सुचना तंत्र के कुछ भ्रष्ट "बड़े अधिकारी" है वहीँ पर अहिरावण के स्वरूप में सभी पूंजीपती है, अहिरावण में कोई बिभेद या संसय नहीं है यदि कोई पूंजीपती है तो अहिरावण ही है, वैसे तो रावण और अहिरावण में काफी घालमेल है, पूंजीपती नेता बन गए है और नेता पूंजीपती, लेकिन उपरोक्त बाते लिखने का मेरा तात्पर्य बर्तमान समय में रावण(भ्रष्टाचारी नेताओ) और अहिरावण(पूंजीपतियों) के बिच एक शीतयुद्ध चल रहा है इस युद्ध में अन्नाहजारे जैसे तथाकथित जननायको और उनके गणों का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है लोकपाल बिल से अहिरावण(पूंजीपतियों) का कोई नुकसान नहीं होगा उल्टा फायदा होगा क्युकी भ्रष्टाचार की अग्नि में हवन सामग्री तो उनको भी डालनी ही पड़ती है अपना काम कराने के लिए, वो बच जायेगा और इसी लिए "खूब खिला पिला कर" अन्नाहजारे को बकरा बना कर मिमियाने के लिए आगे कर दिया है पीछे से अपने पालतू डमरुओ(मिडिया) को लगा दिया है बजाते रहो और तबतक बजाओ जब तक हिंदुस्तान की सारी भेड़े अन्नाहजारे जैसे बकरे के पीछे सर झुका कर खड़ी न हो जाय, क्युकी तभी तो आसानी से गड्डे में गिराया जा सकता है ख़ैर इसका दूसरा पहलु देखिये, रावण(भ्रष्टाचारी नेताओ) की तो लुटिया डूब जाएगी क्युकी भ्रष्टाचार ही उनकी रोजी रोटी है कमाई का जरिया है हाँथ से निकल गया तो कल क्या करेगे इसी लिए दिग्गी बाबु जैसे लोग काट खाने को दौड़ रहे है, जो भी हो मेरे कहने का सारांस रावण(भ्रष्टाचारियो) और अहिरावण(पूंजीपतियो) को इकठ्ठा करके साथ में मिटाना होगा इन्हें बदला नहीं जा सकता, और "देश का मुद्दा सिर्फ जन लोकपाल नहीं है" "इसलिए हमें कालाधन, ब्यवस्था परिवर्तन, और भ्रष्टाचार" को सामूहिक मुद्दा बनाकर ही आगे बढना होगा बाबा रामदेव को देख कर मिडिया घायल साड़ की तरह क्यों भड़कती है क्युकी ब्यवस्था परिवर्तन और काले धन से सीधे और ज्यादा पूंजीपती प्रभावित होगे और मिडिया तो उनकी ही बपौती है तो मिडिया का भडकना लाजमी है वैसे रामदेवजी लाल कपडे पहनते भी तो है, रावण से पहले अहिरावण मारा गया था यहाँ रावण और अहिरावण दोनों आपस में आत्मसात हो गए है इसलिए अलग करके मिटाना मुस्किल है, इसलिए महात्मा अन्नाहजारे जी आप अपना भी मुद्दा सुधारिए " कालाधन, ब्यवस्था परिवर्तन, और भ्रष्टाचार" को सामूहिक मुद्दा बनाकर बाबारामदेव जी के साथ आगे बढिए... ॐ बंदेमातरम जयहिंद                                        

"अन्ना हजारे और काली बिल्ली"

अन्नाहजारे जी आप एक अच्छे "इन्सान" है निर्विवाद सत्य है, आप "गाँधीवादी" है रहिये कोई बात नहीं हर इन्सान को कमजोरी छिपाने के लिए एक नाम की जरुरत होती है, आप "लोकपाल बिल" चाहते है अच्छा है, देश का हर नागरिक यही चाहता है, लेकिन आप देस का अच्छा सोचकर भी देस का बुरा कर रहे है और आप इसबात को समझने के लिए तैयार नहीं है की देस को लोकपाल बिल चाहिए लेकिन साथ में "कालाधन" और "ब्यवस्था परिवर्तन" भी चाहिए, बिना "काले धन" और "ब्यवस्था परिवर्तन" के "लोकपाल बिल" सिर्फ और सिर्फ एक ढोल से अधिक कुछ नहीं होगा देस एसे ही भूखा नंगा घूमता रहेगा आप उसे गले में डालकर बजाना और राहुल बाबा के लिए वोट मांगना, महात्मा अन्ना जी, यदि आप आत्म परिक्च्झण करना चाहते है तो कृपया कल से बोलना सुरु कर दीजिये की "कलाधन" "ब्यवस्था परिवर्तन" और "लोकपाल बिल" तीनो साथ में चाहिए फिर देखिये दूध का दूध, पानी का पानी हो जायेगा, भ्रष्टाचारियो, अत्याचारियो, दलालों, देशद्रोहियो, पूंजीपतियो, पूंजीवादियो, काले धनकुबेरो, लुटेरो की डुग डुगी मिडिया जो अभी "अन्ना बाथरूम के अंदर" "अन्ना का बैल हरियाणा में" "अन्ना की गाय पंजाब में" "अन्ना का गधा कश्मीर में" दिखा कर देश को पका रही है वो गधे के सर के सींग की तरह एसे गायब हो जाएगी जैसे कभी उगी ही नहीं थी फिर आप राले गाँव में "रहट" चला कर लोगो को पानी पिलाते रहना, बड़ा अफसोस होगा एसा होने पर लेकिन कम से कम आप को ये बात समझ में आ जाएगी कि भ्रष्टाचारियो, अत्याचारियो, दलालों, देशद्रोहियो, पूंजीपतियो, पूंजीवादियो, काले धनकुबेरो, लुटेरो ने आपको कठपुतली बना रक्खा है, और कही आप का जमीर जाग गया तो देश का भला होगा, हमारी तीनो मागे ("कलाधन" "ब्यवस्था परिवर्तन" और "लोकपाल बिल") पूरी होगी और आप "काली बिल्ली" कि तरह रास्ता काटने के पाप से भी बच जायेगे ॐ बन्दे मातरम जय हिंद

शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

"नेहरु" "खानदान" (माफ कीजिये) फेमली के कुछ दलाल

 "नेहरु" "खानदान" (माफ कीजिये) फेमली के कुछ दलाल कभी एक अंग्रेजन को तो कभी उसके "पुत्र" (माफ कीजिये) सन को प्रधानमंत्री बनाने की होड़ में इतने उतावले हो चुके है की चमचागिरी की सारी हदे पारकर किसी को भी कुछ भी कहने से गुरेज नहीं कर रहे है, जबकि सच तो ये है की ये चमचे खुद राजनीती के स्वर्ण वर्ष पार कर चुके है और इतने बड़े महारथी है की कम से कम कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हो सकते है पर अफसोस की चमचागिरी ने इन्हें इतना अंदर से खोखला कर दिया है की "बाबाडाल" के चरणों से उपर नजरे ही नहीं हटाते खुद का नहीं तो कमसे कम देस के सम्मान का तो लिहाज करे ... ॐ जयहिंद बंदेमातरम

मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

"हिसार चुनाव की खिड़की से ६०० साल की गुलामी का कारन झलकता है"

भ्रष्टाचारियो, अत्याचारियो, दलालों, देशद्रोहियो, पूंजीपतियो, पूंजीवादियो, काले धनकुबेरो, लुटेरो का पर्याय बन चुकी कांग्रेस को १,४९,७८५ वोट मिलना एक दुखद, चिंताजनक, और आश्चर्यजनक घटना है, दुखद क्यों? - बाबा रामदेव जैसे युगपुरुष योगी द्वारा घर घर जनजागरण अभियान चलाने के बाद भी कांग्रेस को १,४९,७८५, वोट मिले,  चिंताजनक क्यों? - यदि देसवासियो की सोच एसी ही रही तो असंभव तो नहीं पर मुस्किल जरुर होगी कांग्रेस के वजूद को पूरी तरह ख़त्म करने में, आश्चर्यजनक क्यों? - कांग्रेस पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है अपने कुकृत्यो को लेकर देश को पता चल चूका है देश की दुर्दसा का कारण कांग्रेस है, संसद से लेकर जेल तक देखा जाय तो कांग्रेस को अपनी सफाई में भी कहने के लिए कुछ नहीं बचा है और अपनी सफाई में कांग्रेस भी कुछ नहीं कह रही है हा डरा धमका कर या जुल्म करके लोगो का मुह बंद करने की कोसिस में लगी है इसके बावजूद भी १,४९,७८५ वोट कांग्रेस को मिलना आठवे आस्चर्य के बराबर ही है और आम देसवासियो का खुद पर हो रहे जुल्म के प्रति असम्बेदन हीन होना सोचने पर मजबूर करता है की ६०० साल की गुलामी हमें अपनी ही गलतियो स्वरूप भोगना पड़ा था और उसी गुलामी की अगली कड़ी में हम आज भी गुलाम है और १,४९,७८५ मतदाताओ को अपने सोच पर फिर से सोचना होगा, सच्चाई की जित तो तब होगी जब .. ॐ बंदेमातरम जयहिंद

सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

"अन्नाहजारे" "गाँधी" और "कांग्रेस"


अन्ना हजारे और उनके चेलो को काफी ठोक बजाकर कांग्रेश ने मैदान में उतरा है, बाबा रामदेव के एक भी सवालों का जबाब नहीं था कांग्रेस के पास तास के पत्तो के "जोकर" की तरह अन्ना हजारे को आगे करने पर बात न बनती देख बिकास से लेकर इतिहास तक में हर जगह फेल हो जाने पर बोखलाई कांग्रेस चार जून को रामदेव पर हमला बोल दिया, टूट पड़ी परिणाम जो हुआ सो हुआ कुछ दिनों का जीवन दान जरुर मिल गया कांग्रेस को, और एक ससक्त हथियार अन्ना हजारे के रूप में लोगो को बरगलाने, गुमराह करने तथा अँधेरे में रखने के लिए, लेकिन ये बीसवी सदी २०११ है, उन्नीसवी सदी १९११ नहीं, महात्मा अन्नाहजारे जी "गाँधी" आप सौक से बनिए पर देश को गुमराह मत कीजिये आज हम १९४१ के मोड़ पर खड़े है जब अत्याचारी अंग्रेजो को मार गिराने समूल उखाड़ फेकने का वक्त था तो गाँधी ने देश की सोच को पंगु बनाकर सेना को अत्याचारी अंग्रेजो का साथ देने को मजबूर किया आन्दोलन चलाकर सेना में भर्ती करवाई और अंग्रेजो ने भी बदले में शाबासी भी दी कोई बात नहीं, देश के बंटवारे का तोहफा भी देश को दिया, बंटवारा न होता अगर हम अंग्रेजो को पहले ही मार गिराए होते तो, बंटवारा न होता अगर "गाँधी" न होते तो, ख़ैर अब आप हमारी सम्पूर्ण आजादी के बिच रोड़े अटका रहे है जिस लोकपाल बिल से ६०% भ्रष्टाचार ख़त्म करने की बात आप कर रहे है उसे तो यदि १०००, ५००, १००, की नोट बंद कर दिया जाय तो ९०% भ्रष्टाचार ख़त्म हो जायेगा और ये तो आप चिठ्ठी से करवा सकते है  अनसन की भी जरुरत नहीं पड़ेगी रहा १०% भ्रष्टाचार की बात तो ब्यवस्था की मज़बूरी के चलते है ब्यवस्था बदल जाएगी अपने आप ख़त्म हो जायेगा, आज की हमारी मूल समस्या है "कालाधन" देसी या बिदेसी और "ब्यवस्था परिवर्तन" जैसे सिक्छा, स्वास्थ्य, वितरण, न्याय, सुरक्छा, खाद्य, उर्जा इत्यादि लेकिन कांग्रेस के इशारे पर आप देश का ध्यान भटकने में लगे है, भ्रष्टाचारी, दलाल, देशद्रोही, गद्दार, पूंजीपति और लुटेरे आपको आगे करके देस के पुरे आन्दोलन को पीछे धकेलना चाहते है इसमें आपका साथ बिदेशी ताकते भी दे रही है और उन्ही के इशारे पर मिडिया आपको गाँधी बनाने में लगी हुए है, १९४८ में गाँधी नहीं रहे लेकिन उनकी नीतिओ का खामियाजा सदीओ हम भुगतेगे, आप में जरा भी देश भक्ति है तो आप अपनी सोच पर एक बार फिर सोचिये                         

शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

"कांग्रेस पार्टी" = "अंग्रेज" "अंग्रेजी" और "अंग्रेजियत"


कांग्रेस पार्टी १८८५ से लेकर आज २०११ तक किसान, जवान और मजदुर से कभी नाता नही रक्खा, "एलन हूम" से निकल कर १९१५ के "गाँधी" से होते हुए २०११ के "गाँधी" तक कोई भी किसान जवान और मजदुर नहीं रहा, चाँदी की थाली में सोने के चम्मच से खाने वाले लोग गरीबो की थाली से रोटी तक चुरा कर बेच कर बिदेसो में जमा करने वाले, गरीबो को ही मिटा कर गरीबी दूर करने के सूत्र लागु करने वाले लोग १२६ साल के अपने इतिहास में एक भी अपने राष्ट्र हित में किये गए कार्य को बताये जिन पर उनको गर्व हो ? वर्ना देश से पूंछे देश कांग्रेस की १०० एसे अत्याचारों को बता देगा जिसका परिणाम है लाचार इंडिया (जंगल), मजबूर इंडियन (जंगली), और बिकासशील भारत ॐ जयहिंद बंदेमातरम

"अंग्रेजी, अंग्रेज और राहुल गाँधी"

 जिनका खानदानी इतिहास अंग्रेजो से रोटी बेटी के रिश्ते का रहा हो वो भारत के बारे में कैसे सोच पाएंगे चाहे वो मोतीलाल नेहरु रहे हो या फिर राहुल गाँधी, किसी दलित के घर रोटी खाकर उस परिवार की आँखों में आंखे डालकर सिर्फ इतना कहे की "मेरा या मेरे खानदान में से किसी का कालाधन बिदेसी बैंको में जमा नहीं है"

जो जितना शीतल होता है उतना ही ज्वलनशील "पेट्रोल" से लेकर "परमाणु" तक छू कर देख सकते है"

 मित्रो "मै" इस समय बाबा रामदेव जी के ब्लॉग पर लिखने वालो और पढने वालो से मुखातिब हूँ मै जो भी बाबा के ब्लॉग पर लिखता हूँ वो सिर्फ और सिर्फ सच होता है और तर्क के साथ होता है लेकिन कडवा होता है इसमें मेरी कोई गलती नहीं है "सच तो कडवा होता ही है" और जो यहाँ लिखता हु वही अपने ब्लॉग पर कापी करता हु लेकिन दुर्भाग्य बस मेरा ब्लॉग गूगल वालो ने बंद कर दिया है ((((नमस्‍कार, http://rdmunmohan.blogspot.com/ पर स्थित आपके ब्‍लॉग की समीक्षा और पुष्टिकरण में SPAM के लिए हमारी सेवा शर्तों का उल्‍लंघन हुआ है. शर्तों के अनुपालन में, हमने ब्‍लॉग को निकाल दिया है और उसके URL पर अब अभिगमन नहीं किया जा सकता))) कोई बात नहीं लेखक नदी की एक धार की तरह होता है जब भी बांध लगाने की कोसिस होती है धार एक नई नदी खोद डालता है मैने भी संकल्प लिया है एक साल के अंदर अक्तूबर २०१२ यानि अगली दीपावली से पहले बाबा की सेवा में सिर्फ सच को आवाज देने व् लोगो तक पहुचने के लिए नया "न्यूज चैनल" समर्पित करूँगा और आप सबो का सहयोग रहेगा इसका मुझे पूरा बिस्वास है, धन्यवाद ॐ जयहिंद बंदेमातरम

"देशभक्त" या "देशद्रोही"?

"देशभक्त" या "देशद्रोही"?,,,,काले धन को वापस लाने रास्ट्रीय संपत्ति घोषित करने और कालाधन रखने वालो को फाँसी की सजा दिलाने, सम्पूर्ण ब्यस्था परिवर्तन करने, संबिधान में ब्यापक संसोधन कर "भारतीय संबिधान" की संरचना करने जैसे मूल और साफ मुद्दों से हट कर जो भी बात करेगा वो भ्रष्टाचारी, दलाल, देशद्रोही, गद्दार, और लुटेरा होगा या प्रत्यक्छ या परोक्छ उनका सहयोगी होगा, ये बात तथाकथित लोकतंत्र के चौपायो (बिधाइका, कार्यपालिका, न्यायपालिका, और सूचनातंत्र {मिडिया}) पर भी लागू होगा, आम लोगो से लेकर विशिस्ट लोगो तक को भी अपनी भूमिका तय तथा साफ करनी होगी...ॐ जय हिंद बन्दे मातरम

शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011

संघ एक राष्ट्रवादी व आध्यात्मवादी संघटन है यह निर्विवाद सत्य है,

 संघ एक राष्ट्रवादी व आध्यात्मवादी संघटन है यह निर्विवाद सत्य है, उतना ही निर्विवाद सत्य जितना कांग्रेस में कुछ भ्रष्टाचारी, दलाल, देशद्रोही, गद्दार, और लुटेरे, काले धन कुबेरों का होना और महात्मा अन्ना हजारे का कांग्रेसी होना, बात समझ में न याये तो इतिहास एक बार फिर पढ़े या २०१४ तक का इंतजार करे ॐ जय हिंद बन्दे मातरम

गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

संघ एक राष्ट्रवादी व आध्यात्मवादी संघटन है यह निर्विवाद सत्य है,

संघ एक राष्ट्रवादी व आध्यात्मवादी संघटन है यह निर्विवाद सत्य है, उतना ही निर्विवाद सत्य जितना कांग्रेस में कुछ भ्रष्टाचारी, दलाल, देशद्रोही, गद्दार, और लुटेरे, काले धन कुबेरों का होना और महात्मा अन्ना हजारे का कांग्रेसी होना, बात समझ में न याये तो इतिहास एक बार फिर पढ़े या २०१४ तक का इंतजार करे ॐ जय हिंद बन्दे मातरम