मंगलवार, 1 नवंबर 2011

धन्यवाद

प्रिय ब्रिन्दावन जी नमस्कार और आपको धन्यवाद इसलिए नहीं की आपने मेरे लेख की प्रसंसा की बल्कि इसलिए की आपने बखूबी लेख में लिखे तत्व को भली भाति समझा जिस तरह गाँधी की गलतियो के बोझ तले हम ६५ साल से दबे हुए है उसी तरह अगले पचास साल अन्नाहजारे की गलतियो को ढोते रह जाय इस लिए देस को ये समझाना जरुरी है की भ्रष्टाचारियो, अत्याचारियो, दलालों, देशद्रोहियो, पूंजीपतियो, पूंजीवादियो, काले धनकुबेरो, लुटेरो से ज्यादा खतरनाक अन्नाहजारे है हमारी आजादी की लड़ाई के लिए ॐ जहिंद बंदेमातरम