प्रिय ब्रिन्दावन जी नमस्कार और आपको धन्यवाद इसलिए नहीं की आपने मेरे लेख की प्रसंसा की बल्कि इसलिए की आपने बखूबी लेख में लिखे तत्व को भली भाति समझा जिस तरह गाँधी की गलतियो के बोझ तले हम ६५ साल से दबे हुए है उसी तरह अगले पचास साल अन्नाहजारे की गलतियो को ढोते रह जाय इस लिए देस को ये समझाना जरुरी है की भ्रष्टाचारियो, अत्याचारियो, दलालों, देशद्रोहियो, पूंजीपतियो, पूंजीवादियो, काले धनकुबेरो, लुटेरो से ज्यादा खतरनाक अन्नाहजारे है हमारी आजादी की लड़ाई के लिए ॐ जहिंद बंदेमातरम